भाजपा कोटे के मंत्री सुरेश शर्मा को बर्खास्त किया जाए. शेल्टर बलात्कार कांड के राजनीतिक संरक्षण की संपूर्णता में जांच कराओ.पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग पर ऐपवा ने किया प्रदर्शन, कल 17 फरवरी को पूरे बिहार में होगा प्रदर्शन.
पटना 15 फरवरी 2019, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में आज मुजफ्फरपुर पाॅक्सो कोर्ट द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश देने के मद्देनजर उनसे तत्काल इस्तीफे की मांग की है. कोर्ट ने उनके अलावा समाज कल्याण प्रधान सचिव अतुल प्रसाद और मुजफ्फरपुर के तत्कालीन डीएम धर्मेन्द्र सिंह की भूमिका की भी जांच करने को कहा है. उन्होंने कहा कि शेल्टर होम मामले के राजनीतिक संरक्षण की जांच की मांग पहले दिन से ही उठाई जाती रही है, लेकिन इसमें अब तक केवल छोटी मछलियों को ही पकड़ा गया और सफेदपोशों को बचाने की ही कवायद चलते रही. मुजफ्फरपुर विशेष कोर्ट में डाली गई अर्जी में साफ कहा गया है कि तत्कालीन समाज कल्याण विभाग के निदेशक सह वर्तमान प्रधान सचिव समाज कल्याण विभाग मुजफ्फरपुर व माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार व अन्य कई बड़े पदाधिकारियों की संलिप्तता अगर सही से जांची जाए तो उनके नाम उजागर होंगे. क्योंकि वर्ष 2017 तक लगातार जिला निरीक्षण समिति एवं बाल देखरेख संस्थानों द्वारा लगातार जांच कराई जाती थी लेकिन इस तरह की कोई भी बात जांच प्रतिवेदन में नहीं लाया गया. इसका मतलब है कि इस तरह के कांड को उच्च स्तर से छुपाने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पद पर बने रहते इन मामलों की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. अंतरात्मा की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री की अंतरात्मा कब जागेगी? यह भी कहा कि भाजपा कोटे के मंत्री सुरेश शर्मा का अब तक इस्तीफा नहीं हुआ है. इन लोगों के इस्तीफे की मांग पर भाकपा-माले कल 17 फरवरी को पूरे बिहार में प्रदर्शन आयोजित करेगी.
ऐपवा ने किया पटना में प्रदर्शन
महिला संगठन ऐपवा ने मुजफ्फरपुर मामले में पाॅक्सो कोर्ट द्वारा नीतीश कुमार के खिलाफ जांच के आदेश के उपरांत आज पटना में उनके इस्तीफे की मांग पर मार्च आयोजित किया. मार्च छज्जूबाग स्थित माले विधायक दल कार्यालय से निकलकर रेडियो स्टेशन, फ्रेजर रोड होते हुए डाकबंगला चैराहे तक गया और फिर वहां एक सभा का आयोजन किया गया. मार्च का नेतृत्व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, पटना नगर सचिव अनिता सिन्हा, समता राय, मधु, अनुराधा सिंह, विभा गुप्ता आदि महिला नेताओं ने किया. मार्च में दर्जनों महिला कार्यकर्ता उपस्थित थीं. मार्च को संबोधित करते हुए ऐपवा महासचिव ने कहा कि पूरे बिहार को पता है कि बिना राजनीतिक संरक्षण के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम जैसा कांड नहीं हो सकता है, लेकिन सीबीआई अभी तक असली अपराधियों को बचाने का ही काम करते आई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कई बार फटकार भी लगा चुकी है, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा. अब जब कोर्ट ने नीतीश कुमार के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं, तब उन्हें अपने पद पर अपने बने रहने का कोई हक नहीं है. उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐपवा व अन्य महिला संगठनों ने मिलकर इस मामले को उजागर किया था और अब एक बार फिर नीतीश कुमार के इस्तीफे के सवाल पर चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा.
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