अरुण कुमार (बेगूसराय) इसे कहते हैं कलाकारी।फ़िल्म एक्टर अरविन्द सत्यदर्शी एक मुलाकात और ढेर सारी बात। वे कहते हैं कि!कहते हैं न..विद्या माँ शारदे के आशीर्वाद से ही फलिभूत होता है।विद्या के तो बहुत से रूप हैं,मैं एक विद्या "मूर्ति कला" की बात करूंगा...वैसे तो लाखों कलाकार हैं, पर लाखों में से एक ऐसे शख्स की बात करना चाहूँगा की,जो असंभव को संभव कर दिखाया है।वह हैं "कुन्दन कुमार राय"कुन्दन अपनी आंखों से रंगों की पहचान नहीं कर सकते..(रंग अंधता रोग से पीड़ित हैं "कुन्दन"जी) लेकिन ये रंगों के मिश्रण से ही राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं।मूर्ति कला के अलावे भी इनकी पहचान समाज सेवा,पर्यावरण के क्षेत्र में भी दर्ज है..आकर्षक मिलनसार व्यक्तित्व के धनी कुन्दन कुमार राय ने वसंतोत्सव शुभ अवसर पर सरस्वती पूजन के लिये लिए "माँ सरस्वती की प्रतिमा" को बनाकर अपने घर में स्थापित कर दिया. लोगों ने मूर्ति को देख आश्चर्यचकित हुए.. जो रंगों की पहचान नहीं कर सकता वह रंगों का संयोजन कमाल का किया है. कुन्दन ने अब तक " जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर " तक के दर्जनों अवार्ड पा चुके हैं..मुझे जो याद है.... भारत श्री, बिहार गौरव, लिडर शीप अवार्ड, पर्यावरण योद्धा, यूथ आईकन अवार्ड आदि.. कुन्दन जी नेशनल वेलफेयर काउंसिल के प्रसिडेंट,बिहारी संस्कार के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। मित्रता और पड़ोसी होने के नाते आज उनके घर गया .मूर्ति को देखा तो ..देखता ही रह गया..कमाल की कलाकारी का आशीर्वाद प्राप्त है माँ सरस्वती की इन्हें।
शनिवार, 16 फ़रवरी 2019
बेगूसराय : रंगांधता से पीड़ित हिने पर भी कलाकारी और रंग मिश्रण का अदभुत मिशाल
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