नयी दिल्ली, 12 फरवरी, लोकसभा में विपक्ष ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार ने साढे चार साल तक वित्तीय सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाये हैं, जिसके कारण अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है, लेकिन अब चुनाव के मद्देनजर बजट में राहत की घोषणाएं की गयी हैं, जिनका कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल ने वित्त विधेयक 2019 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने बजट के जरिये वोट पाने का रास्ता निकाला है। बजट में किसानों के लिए छह हजार रुपये सालाना मदद देने की घोषणा की गयी है और इस कदम से सरकार ने किसानों का मजाक उड़ाया है। सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना की शुरुआत की, लेकिन इसमें यह नहीं देखा गया कि इससे किसान को फायदा हो रहा है कि कंपनियों को लाभ पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी करके सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को चौपट किया है। इससे सिर्फ कारोबारियों ही नहीं देश के हर वर्ग को नुकसान हुआ है और उसके इस फैसले ने देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष विकट समस्या खड़ी की है। भ्रष्टाचार को इस सरकार के कार्यकाल में बढ़ावा मिला है और छोटे-मोटे उद्योग धंधे चौपट हो गये हैं। उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण दिया और कहा कि वहां कई कंपनियां बद हुई हैं। श्री वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार मनरेगा जैसी योजनाओं को आगे बढ़ाने में पूरी तरह से असफल रही है। देश की ग्रामीण आबादी को फायदा पहुंचाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने वाली इस योजना को प्रधानमंत्री ने कांग्रेस का स्मारक कहा था।
मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019
सरकार ने वित्तीय सुधार के कदम नहीं उठाये
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