द हेग, 18 फरवरी, भारत ने पाकिस्तान की जेल में बंद तथा मौत की सजा सुनाए जा चुके भारतीय नागरिक और पूर्व नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव की रिहाई की आज अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मांग की । अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में आज से इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई हुई और इसमें भारत का पक्ष विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी दीपक मित्तल तथा वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने रखा। न्यायालय को इस बात से अवगत कराया गया कि पाकिस्तान में जाधव के खिलाफ सुनवाई निष्पक्ष नहीं हुई है। इस दौरान यह भी कहा गया कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने सुनवाई के दौरान उपयुक्त प्रकिया के न्यूनतम मानकों को भी नहीं पूरा किया है। चार दिनों तक चलने वाली सुनवाई के पहले चक्र में श्री साल्वे ने न्यायाधीशों को अवगत कराया कि विएना संधि के अनुसार राजनयिक संपर्क दिए बगैर जाधव को लगातार हिरासत में रखा जाना अवैध है तथा पाकिस्तान की कहानी तथ्यों के आधार पर न होकर वाकपटुता और चालाकी पर आधारित है। श्री साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान जाधव मामले को दुष्प्रचारित कर रहा है और अभी तक पाकिस्तान ऐसा कोई भी सबूत नहीं दे सका है जिससे आतंकवादी गतिविधियों में उसकी लिप्तता शामिल हो सके। जाधव के कबूलनामे को पाकिस्तान ने एक दुष्प्रचार के तौर पर इस्तेमाल किया है। यह विएना संधि का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “भारत और कुलभूषण के अधिकारों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया गया है और इसके परिणाम सामने आने हैं।” श्री साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने विएना संधि के अनुच्छेद 36 का जबर्दस्त उल्लंघन किया है और जाधव को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। इसी के साथ भारत की सुनवाई समाप्त हो गई और पाकिस्तान अपना पक्ष मंगलवार को रखेगा।
सोमवार, 18 फ़रवरी 2019
आईसीजे में भारत ने किया जाधव की रिहाई का आग्रह
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