- स्वर्ग में उद्ग्रहित मां मरियम की तस्वीर का लोकार्पण
- बेतिया धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पीटर सेबेस्टियन गोवियस के द्वारा
अपने धर्माध्यक्षीय उपदेश में धर्माध्यक्ष पीटर सेबेस्टियन गोवियस ने कहा कि हम सब अक्सर शांति और चैन की तलाश करते रहते है। इसके लिए हम सबको ईश्वर के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। हमें दयालु बनना चाहिए।
बेतिया। पश्चिम चम्पारण में है चुहड़ी पल्ली। इस पल्ली में ऑवर लेडी ऑफ असम्पसन नामक चर्च है। इस गिरजाघर ‘चर्च‘ का दो सौ पचास वर्ष साल पूरा होने के उपलक्ष में 250वीं जयंती समारोह का उद्घाटन बेतिया धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पीटर सेबेस्टियन गोवियस ने किया। इस अवसर पर बिशप स्वामी द्वारा स्वर्ग में उद्ग्रहित मां मरियम की तस्वीर का लोकार्पण किया गया और झंडोत्तोलन कर जयंती वर्ष का शुभारंभ किया गया। सबसे पहले सभी ईसाई श्रद्धालुओं ने जुलूस में शामिल होकर गिरिजाघर की परिक्रमा करते हुए मां मरियम के लिए प्रार्थना की। इसके बाद सभी श्रद्धालु गिरजाघर में आयोजित मिस्सा बलिदान में शामिल हुए। बिशप पीटर सेबेस्टियन के साथ फादर तोवियास, फादर पाकिया राज, फादर विंसेंट, फादर लुकस, फादर किशोर और उप याजक मनोज ने संयुक्त रूप से मिस्सा पूजा को चढ़ाया। मिस्सा पूजा में अपने धर्माध्यक्षीय उपदेश में धर्माध्यक्ष पीटर सेबेस्टियन गोवियस ने कहा कि हम सब अक्सर शांति और चैन की तलाश करते रहते है। इसके लिए हम सबको ईश्वर के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। हमें दयालु बनना चाहिए। सदैव एक- दूसरे की मदद करनी चाहिए। दूसरों को क्षमा करने की प्रवृत्ति को हमें अपने अंदर जगाना चाहिए। जब कभी हम किसी को भी क्षमा करते है, तो अपने-आप ही जीवन मे शांति और खुशियां मिलने लगती है। इस अवसर पर जयंती वर्ष के उद्धघाटन समारोह को संबोधित करते हुए चुहड़ी पल्ली पुरोहित फादर तोवियास ने बताया वर्ष 1769 में चुहड़ी गिरजाघर का स्थापना हुआ था। इस वर्ष 2019 में गिरजाघर के स्थापना का दो सौ पचास वर्ष पूरे हों रहा है। इस अवसर पर पूरे वर्ष चुहड़ी पल्ली में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 29 दिसंबर 2019 को जयंती वर्ष के समापन पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मिस्सा पूजा को संगीत मंडली द्वारा भजन भक्ति गीत संगीतमय बनाया। इस अवसर पर आयोजित मिस्सा बलिदान में सैकड़ों ईसाई श्रद्धालु, सिस्टरगण और बच्चें शामिल हुए। मिस्सा पूजा के समापन पर जोसिता अंतुनी के द्वारा बिशप स्वामी, पुरोहिगण और उपस्थित ईसाई श्रद्धालुओं को धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।
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