प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय समर स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 25 फ़रवरी 2019

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय समर स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया

pm-dedicate-national-war-memorial-to-nation
नयी दिल्ली, 25 फरवरी,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट के पास ‘‘राष्ट्रीय समर स्मारक’’ को राष्ट्र को समर्पित किया । यह स्मारक आजादी के बाद से देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मां भारती के लिए बलिदान देने वालों की याद में निर्मित राष्ट्रीय समर स्मारक, आज़ादी के सात दशक बाद उन्हें समर्पित किया जा रहा है । राष्ट्रीय समर स्मारक की मांग कई दशक से निरंतर हो रही थी। इस अवसर पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें कई दशकों से इस समर स्मारक का इंतजार था । यह स्मारक वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को हमारे वीर सैनिकों के समर्पण और बलिदान की याद दिलायेगा और प्रेरित करेगा ।  उन्होंने इस अवसर पर वन रैंक, वन पेंशन समेत पूर्व एवं वर्तमान सैनिकों के कल्याण के लिये उनकी सरकार के कार्यो का उल्लेख भी किया ।

यह स्मारक उन सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने 1947 युद्ध, 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्धों, 1999 में कारगिल संघर्ष तथा श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के अभियान के दौरान देश की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने 40 एकड़ में फैले युद्ध स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किया । इसकी कुल लागत 176 करोड़ रुपए है । एक वैश्विक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से इसकी डिजाइन चुनी गई। आजादी के बाद शहीद हुए 25,942 भारतीय सैनिकों के नाम यहां पत्थरों पर लिखे गए हैं। स्मारक की मुख्य संरचना को चार चक्रों के रूप में बनाया गया है, जिनमें से प्रत्येक सशस्त्र बलों के विभिन्न मूल्यों को दर्शाता है। चक्रव्यूह की संरचना से प्रेरणा लेते हुए इसे बनाया गया है। इन चक्रों में अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र शामिल हैं । इसमें चार वृत्ताकार परिसर हैं और एक ऊंचा स्मृति स्तंभ भी होगा जिसके तल में अखंड ज्योति दीप्तमान रहेगी । इसमें 21 परमवीर चक्र विजेताओं की आवक्ष प्रतिमा भी है ।  इसमें त्याग चक्र में 16 दीवारों का निर्माण किया गया है जहां 25,942 शहीदों को नमन किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान इसका वादा किया था और 2015 में स्वीकृति दी। उन्होंने आज इसका उदघाटन किया। पहली बार 1960 में राष्ट्रीय समर स्मारक बनाने का प्रस्ताव सेना की ओर से दिया गया था।

कोई टिप्पणी नहीं: