दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा संस्कृति एवं शहीदों पर लिखी गई हिंदी पुस्तकों एवं विभिन्न भाषाओं की पत्रिकाओं को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से योजना प्रारंभ की गई है । इसी उपलक्ष्य में दिनांक 08 फरवरी, 2019 को सांय 4:30 बजे से हिंदी भवन, 11, विष्णु दिगंबर मार्ग, नई दिल्ली-110002 में दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा वर्ष 2018 के लिए संस्कृति और शहीदों के जीवन और शौर्य गाथाओं के संबंध में लिखी गई श्रेष्ठ् कृतियों के रचनाकारों को एवं हिंदी, उर्दू एवं पंजाबी भाषा की श्रेष्ठ पत्रिकाओं के सम्पादकों को सम्मानित करने हेतु सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । यह पुरस्कार डॉ. महेश शर्मा, माननीय संस्कृति मंत्री, भारत सरकार के कर कमलों द्वारा प्रदान किए गए । समारोह की अध्यक्षता श्री ओम प्रकाश गुप्ता, पूर्व आई.एफ.एस, विदेशों में भारत के पूर्व राजदूत एवं पूर्व कुलाधिपति, अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा की गई और इस अवसर पर प्रो. बिद्युत चक्रवर्ती, कुलपति, विश्वभारती-शांति निकेतन, पश्चिम बंगाल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे | इस कार्यक्रम में विशेष रूप से डॉ. रामशरण गौड़, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड एवं डॉ. लोकेश शर्मा, महानिदेशक, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी भी उपस्थित रहे |
वर्ष 2018 के लिए साहित्यिक कृति सम्मान योजना के अंतर्गत संस्कृति मनीषी सम्मान डॉ. उदय प्रताप सिंह और श्रीमती मधु धामा, महर्षि दधीचि सम्मान आचार्य देवेंद्र कुमार ‘देव’, नानाजी देशमुख सम्मान डॉ. श्रीराम परिहार, संत रविदास सम्मान डॉ. जयप्रकाश कर्दम, बाल साहित्यश्री सम्मान डॉ. विनोद चंद्र पाण्डेय और डॉ. शकुंतला कालरा एवं साहित्यश्री कृति सम्मान डॉ. सांत्वना मिश्रा और डॉ. वेदप्रकाश को सम्मानित किया गया | पुरस्कार स्वरूप एक लाख पचास हज़ार रूपये के चैक एवं प्रशस्ति पत्र, शाल आदि प्रदान किए गए । वर्ष 2018 के लिए हिंदी भाषा की पत्रिका भारतीय धारोहर के लिए पत्रिका के संपादक श्री विजय शंकर तिवारी को प्रथम पुरस्कार, पत्रिका हरसिंगार के लिए पत्रिका के संपादक श्री श्याम प्रकाश देवपुरा को द्वितीय पुरस्कार, पत्रिका ककसाड़ के लिए संपादक डॉ. राजाराम त्रिपाठी को तृतीय पुरस्कार एवं पत्रिका शिवम् पूर्णा के लिए संपादक श्री सजल मालवीय, पत्रिका यथासंभव की संपादक श्रीमती अंजु गोयल और पत्रिका प्रकृति मंथन के लिए श्री मुकेश नादान को प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया | पंजाबी भाषा की पत्रिका वाहगा के लिए संपादक श्री चरणजीत सोहल को प्रथम पुरस्कार और पत्रिका अलख के लिए संपादक डॉ. राम मूर्ति को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया | उर्दू भाषा की पत्रिका शुगूफ़ा के लिए संपादक डॉ. सैयद मुस्तफा कमाल को प्रथम पुरस्कार और पत्रिका महानमा इंशा के लिए संपादक जनाब फे.सीन इजाज को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया | पुरस्कार स्वरूप प्रथम पुरस्कार एक लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार पचहत्तर हजार रूपये एवं प्रोत्साहन पुरस्कार पच्चीस हज़ार रूपए के चैक एवं प्रशस्ति पत्र, शाल आदि प्रदान किए गए ।
इसके साथ ही भारतीय लोक साहित्य कला और संस्कृति पर आधारित दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की त्रैमासिक पत्रिका “भारतीय लोक दीपिका” का लोकार्पण भी डॉ. महेश शर्मा जी, माननीय संस्कृति मंत्री, भारत सरकार द्वारा किया गया | इस समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों, पुरस्कृत साहित्यकारों एवं संपादकों का डॉ. रामशरण गौड़, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा अभिनंदन किया गया | अपने अभिभाषण में डॉ. महेश शर्मा जी, माननीय संस्कृति मंत्री, भारत सरकार ने भारतीय संस्कृति की महान ‘गुरु-शिष्य’ परंपरा के बारे में बात की | श्रोताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी शक्ति उसकी संस्कृति और विविधता में एकता को विश्व में आज भी लोग समझने की कोशिश कर रहे हैं | उन्होंने दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी से संबंधित अपने भावनात्मक अनुभवों को भी साँझा किया | कार्यक्रम के अंत में डॉ. लोकेश शर्मा, महानिदेशक दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया एवं राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया ।
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