पूर्णिया : बायसी प्रखंड अंतर्गत मीनापुर पंचायत के बैरिया में हजरत मखदुम सैयद शाह आजम तुल्ला का उर्स दरगाह शरीफ बाज बैरिया में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। बता दें कि विगत 512 वर्षों से यहां उर्स का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में दूरदराज के लोग चादरपोशी करने व मन्नतें मांगने पहुंचते हैं। 23 फरवरी से शुरू हो रहे आयोजन को लेकर तैयारियां की जा रही है और 24 फरवरी को चादरपोशी का कार्यक्रम किया जाएगा। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। वर्षों से आयोजित इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए प्रशासनिक तैयारियां भी तेज कर दी गई हैं। इस मौके पर श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या को ले जगह जगह ट्रैफिक पोस्ट बनाए जाएंगे। जहां पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है। बता दें कि प्रतिवर्ष उर्स के मौके पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है और भीड़ का आलम यह रहता है कि एनएच 31 फटकी चौक से बैरिया मजार तक लगभग 11 किमी तक वाहनों व श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग जाती है। दरगाह शरीफ के सैयद कयामुद्दीन हुसैनी ने बताया कि हजरत सैयद शाह अजमतुल्लाह चिश्तिया पंडुआ शरीफ मालदा से मिले। जिसका पंडुआ शरीफ से अजमेर शरीफ के ख्वाजा सैयद मोइनुद्दीन चिश्ती से उनका सिलसिला जा मिलता है। उन्होंने बताया हजरत सैयद शाह अजमतुल्लाह हजरत इमाम हुसैन के वंशज थे और सुदाते हुसैनी है। हजरत सैयद शाह अजमतुल्लाह का हिजरी संवत अनुसार 928 में स्वर्गवास हुआ था। जिसके बाद से यहां प्रतिवर्ष देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है। उन्होंने बताया कि 23 फरवरी को जलसे का भी आयोजन किया जाएगा। जलसे में मौलाना हजरत तशरीफ़ लाएंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सैयद महमूद अशरफ व पूर्व विधायक सैयद रूकनुद्धीन अहमद करेंगे। उर्स कार्य में खानदाने अजमीत व समाज के सारे वर्गों के लोग उत्साह के साथ लगे हैं ताकि दूरदराज से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का कोई परेशानी न हो। उर्स के आयोजन को लेकर इस गांव के लोग 15 दिनों से अपनी तैयारियों में जुट जाते हैं। उर्स के मौके पर गांव में 3 दिनों का मेला भी लगता है। जिसमें हर तबके के लोग शामिल होते हैं। मुखिया सैयद समसुद्दीन और सैयद कुतुबुद्दीन अहमद ने बताया हजरत मखदुम सैयद शाह अजमतुल्लाह के मजार पर वर्षों से आयोजित उर्स के मौके पर लाखों की तादाद में लोग पहुंचते हैं। वहीं मन्नते भी मांगते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो सच्चे दिल से यहां मुरादें मांगते हैं उनकी मुरादें पूरी जरूर होती है। मुरादी पूरी होने के बाद श्रद्धालु यहां बड़े ही भक्तिभाव से चादरपोशी करते हैं और माथा टेकते हैं। हालांकि यहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। लेकिन हरेक सप्ताह गुरुवार के दिन विशेष रूप से लोगों की भीड़ उमड़ती है। मौके पर चादरपोशी रस्म को सफल बनाने में प्रखंड प्रमुख इम्तियाज आलम, उपप्रमुख मकसूद हुसैन एवं बायसी के पदाधिकारीगण मौजूद रहेंगे।
सोमवार, 18 फ़रवरी 2019
पूर्णिया : बायसी उर्स को ले तैयारियां तेज, 24 को होगी फतिहा व चादरपोशी
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें