दुमका (अमरेन्द्र सुमन) सिदो काँहु मुर्मू विवि के मिनी कॉन्फ़्रेन्स हॉल में दिन शनिवार को यूनिवर्सिटी ऑफ़ लेडिन, नीदरलैंड के प्रो एम के गौतम व राँची विवि के पूर्व कुलपति प्रो एल एन भगत का व्याख्यान चान्सलर लेक्चर सिरीज़ के तहत आयोजित किया गया। गांधी के विचारों का झारखंड के आदिवासियों पर प्रभाव विषय पर बोलते हुए प्रो गौतम ने कहा की न सिर्फ़ गांधी के विचारों का प्रभाव यहाँ के आदिवासियों पर पड़ा बल्कि आदिवासियों के विचारों का भी प्रभाव गांधी पर पड़ा। गांधी ने पूरे देश को स्वच्छता का संदेश दिया लेकिन आदिवासी संस्कृति में स्वच्छता उनके जीवन का हिस्सा है। इस संस्कृति को सभी को अपनाने की ज़रूरत है। प्रो गौतम ने आदिवासियों के स्थानीय शा सन की तुलना गांधी के पंचायती राज व्यवस्था से की और कहा की आदिवासियों ने प्राचीन समय से ही इसको अपनाया है। प्रो भगत ने गांधी के आर्थिक विचारो को आदिवासियों के आर्थिक जीवन से जोड़ कर देखा। उन्होंने कहा कि सरकार की कई योजनाओं का लाभ आदिवासियों को मिल रहा है। व्याख्यान के आरम्भ में प्रति कुलपति प्रो हनुमान प्रसाद शर्मा ने पुष्प गुच्छ देकर अतिथियों का स्वागत किया एवं विषय प्रवेश कराते हुए गांधी के विचारों पर चर्चा की। डी एस डब्लू डॉक्टर गौरव गांगुली और मंच संचालन डॉक्टर अजय सिन्हा ने किया। इस व्याख्यानमाला में डॉक्टर वाई पी राय, डॉक्टर विनोद कुमार झा, डॉक्टर नवीन सिंह, डॉक्टर जैनेंद्र यादव, डॉक्टर अनिल वर्मा, डॉक्टर विजय कुमार, डॉक्टर संजीव कुमार सिन्हा, डॉक्टर स्वतंत्र सिंह, डॉक्टर बिनय सिन्हा, डॉक्टर सुधांशु शेखर, संजीव कुमार, डॉक्टर रंजना त्रिपाठी, डॉक्टर सुमित्रा हेंब्रम, डॉक्टर निर्मला त्रिपाठी, डॉक्टर पूनम हेंब्रम, डॉक्टर प्रभावती बोदरा, डॉक्टर राजीव कुमार सहित अनेक शिक्षक शामिल थे . विभिन्न विभाग के छात्र - छात्रायें भी काफ़ी संख्या में शामिल थे। कुलपति मनोरंजन प्रसाद सिन्हा जो एक बैठक में शामिल होने राँची रवाना हुए। जाने से पहले प्रो मोहन और प्रो भगत से शिष्टाचार मुलाक़ात की और उनको अंग वस्त्र दे कर सम्मानित किया। उन्होंने प्रो गौतम और प्रो भगत को विवि द्वारा प्रकाशित हूल पर पुस्तक भी भेट की। प्रो सिन्हा ने कहा की विवि ऐन्थ्रॉपॉलॉजी की पढ़ाई स्नातकोत्तर स्तर पर करवाने के लिए प्रयासरत है और इस कार्य में प्रो गौतम का सहयोग लिया जाएगा
शनिवार, 16 मार्च 2019
दुमका : चान्सलर लेक्चर सिरीज़ के तहत नीदरलैंड्स के प्रोफेसर ने रखे अपने विचार
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