नयी दिल्ली 07 मार्च, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम ने राफेल सौदे से जुड़े चोरी हुए दस्तावेजों को छापने को अपराध बताने की सरकार की धमकी को खारिज करते हुए कहा है कि इन्हें प्रकाशित करना संवैधानिक अधिकार के दायरे में आता है इसलिए इनकाे सामने लाने से रोका नहीं जा सकता है। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के उच्चतम न्यायालय में राफेल दस्तावेजों के रक्षा मंत्रालय से चोरी हाेने और इनका प्रकाशन या इनके आधार पर कोई लेख प्रकाशित करना गोपनीय कानून के तहत अपराध बताने के एक दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को कहा कि रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेजों को अति गोपनीय बताकर इनका प्रकाशन रोका नहीं जा सकता। श्री चिदम्बरम ने कहा कि राफेल से जुड़े दस्तावेज गायब हैं और उनको प्रकाशित कर सामने लाने का वह पूरी तरह समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 19 में बोलने और लिखने की आजादी की व्यवस्था है और इसके तहत इन दस्तावेजों का प्रकाशन अपराध नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का 1971 में पेंटागन के दस्तावेजों को प्रकाशित करने का आदेश अटॉर्नी जनरल के तर्कों का सही जवाब है। उन्होंने कहा कि 30 जून 1971 को अमेरिका में रिचर्ड निक्सन प्रशासन ने वियतनाम युद्ध से जुड़े दस्तावेजों को अति गोपनीय बताकर न्यूयार्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट को उनको छापने से रोकने का फरमान जारी किया था। इसी तरह से भारत सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में राफेल से जुड़े दस्तावेजों के गायब होने की बात की और धमकी दी कि कोई इनका प्रकाशन नहीं कर सकता है और ना ही इन दस्तावेजों के आधार पर लेख लिख सकते हैं।
शुक्रवार, 8 मार्च 2019
चिदम्बरम ने राफेल के चोरी हुए दस्तावेजों के प्रकाशन का किया समर्थन
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