बोलचाल में चालीसा, रोजा, लेंट, दुखभोग आदि कहा जाता है
पटना,06 मार्च। आज से ईसाई समुदाय का दुखभोग शुरू हो गया है. हां प्रभु येसु ख्रीस्त का दुखभोग को याद करने का दिन शुरू हो गया है. आज सुबह से ही चर्च में भीड़ लगनी शुरू हो गयी। ईसाई धर्मावलम्बी सुबह में तैयार होकर सुबह के मिस्सा पूजा में भाग लेने पहुंच गए। प्रेरितों की रानी ईश मंदिर, कुर्जी में साढ़े छह बजे से मिस्सा सुनने ईसाई धर्मावलम्बी चर्च गए. वहां पर कई पुरोहितों ने अलग-अलग जगह पर खड़ाकर होकर श्रद्धालुओं की ललाट पर पवित्र राख से क्रूस का चिन्ह बनाकर कहें हे!मनुष्य तु मिट्टी हो मिट्टी में मिल जाओंगे.इस अवसर को ही राख बुधवार कहा जाता है.(ऐश वेनेंसडे).
ऐश वेनेंसडे और गुड फ्राइडे को पूर्ण उपवास व परहेज
आज 6 मार्च ऐश वेनेंसडे है और 19 अप्रैल को गुड फ्राइडे है. दोनों दिन पूर्ण रूप से उपवास व परहेज का दिन है.शेष चालीस दिन धर्मावलम्बियों की इच्छा पर है. मगर ईसाई समुदाय उपवास व परहेज रखते ही हैं. गोडेन अन्तुनी ठाकुर ने कहा कि बुधवार और शुक्रवार को क्रूस रास्ता तय करेंगे.प्रभु येसु ख्रीस्त के दुखभोग को 14 कड़ी में दर्शाया गया है.प्रत्येक कड़ी के सामने खड़े होकर प्रार्थना करते हैं.जानकारी के अनुसार प्रेरितों की रानी ईश-मंदिर, कुर्जी पल्ली में आज राख बुधवार को सुबह साढ़े छह बजे मिस्सा हुआ. प्रथम क्रूस रास्ता साढ़े तीन बजे से और द्वितीय क्रूस रास्ता पांच बजे से हुआ. मिस्सा पूजा करने वालेे फादर सुसई राज, फादर जुनुस,फादर जोनसन,फादर लौरेंस, फादर जौर्ज और फादर एण्डु थे. फादर विनोय मुख्य अनुष्ठानकर्ता थे. श्रद्धालुओं के बीच में परमप्रसाद वितरण किया गया. मिस्सा पूजा सुनने के बाद श्रद्धालुओं के बीच में नवयुवक संघ के द्वारा चाय वितरण किया गया। इसके बाद घर में आकर लोगों ने उपवास-परहेज तोड़े।
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