बेगुसराय : नाटक जल डमरु की भव्य प्रस्तुति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 2 मार्च 2019

बेगुसराय : नाटक जल डमरु की भव्य प्रस्तुति

drama-jal-damru-in-begusaray
अरुण कुमार (आर्यावर्त्त) द प्लेयर्स एक्ट, बेगुसराय द्वारा आयोजित फैक्ट स्पेस रतनपुर में बिहार के निर्मली ग्राम में जन्मे हिन्दी रंगमंच के प्रसिद्ध नाटककार रामेश्वर प्रेम की रचना तथा युवा रंग निर्देशक चन्दन कु० वत्स निर्देशित नाटक जल डमरू बाजे की अविस्मरणीय प्रस्तुति को देख श्रोताओं का मन प्रसन्न हो गया। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से व्यक्तिगत अनुदान अंतर्गत मंचित नाटक जल डमरू बाजे बिहार में कोसी नदी की प्रलयंकारी बाढ़ की विभीषिका को दर्शाता है। इस नाटक में ऐसे चरित्रों का प्रवेश है जिनके घर-बार डूब गए हैं और ऐसा कोई आर्थिक सामाजिक आधार नहीं है जिस आधार पर वे जीवित मनुष्यों की कोटि में आ सकें। लेकिन वे अपने समाज में व्याप्त नफ़रत, जात-पात, ऊँच-नीच, आदि सामाजिक बन्धनों से मुक्त नहीं है। एक अदृश्य प्रतीक्षा उनके इर्द-गिर्द जमी हुई है कि वे एक दिन विपदाग्रस्त जीवन से विपदारहित जीवन की ओर उन्मुख होंगे। अर्थात यह नाटक एक ऐसी सुबह के लिए प्रार्थनारत चरित्र है जिसमें मनुष्य के बचे रहने की थोड़ी-सी भी गुंजाइश छिपी है। नाटक में पंडित रामभरोसे की भूमिका में अमरेश कुमार, मुंहचीरा - चन्दन कुमार, भूखला - मिथलेश कांति व भुखली की भूमिका में  मोनिका कांति ने उत्कृष्ठ अभिनय कर नाटक को जीवंत बनाया। तथा सूप्पी की भूमिका में देवानंद सिंह, डोमा / कर्मचारी - मो० रहमान, रामकली - सत्यम भारती, गहना - सिल्की सिंह तथा राजनेता के किरदार में चंदन कु वत्स ने अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। वहीं प्यारे/पुत्र/प्रेत-1 - वैभव सिंह, पत्रकार/प्रेत 2 - कमलेश कुमार, प्रेत -3/डॉक्टर - वेंकटेश कुमार, प्रेत - 4 / पायलट - शिवम कुमार तथा बच्चा की भूमिका में बाल कलाकार मातृभाषा कांति ने भी सुन्दर अभिनय किया। सभी कलाकारों का अभिनय काफ़ी सराहनीय रहा। उक्त मंचित नाटक का मार्गदर्शन एवं मंच संचालन कुमार अभिजीत मुन्ना ने किया तथा प्रकाश परिकल्पना कर चिन्टू कुमार ने नाटक की सौन्दर्यता को बनाए रखा। वहीं संगीत निर्देशन अमरेश कुमार एवं दीपक कुमार ने किया। विदित हों की मुख्य अतिथि फैक्ट रंगमंडल के अध्यक्ष बी. आर.के.सिंह उर्फ़ राजू भैया, पूर्व मेयर संजय सिंह, डॉ रंजन चौधरी, डॉ कमलेश, समाजसेवी दिलीप सिन्हा, जनकवि दीनानाथ सुमित्र ने नाट्य प्रदर्शन का उदघाटन सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संस्था के सचिव चन्दन कु० सोनू के द्वारा अतिथियों को पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र से ससम्मान सम्मानित किया गया।

कोई टिप्पणी नहीं: