दुमका, मंजिल नाट्य दल दुमका के द्वारा शिवरात्रि मेला के अवसर पर काठीकुंड में किया गया | इस नाटक के माध्यम से वृक्ष की महिमा गुणगान करते हुए कहा गया कि इंसानों का जीवन वृक्ष से जुड़ा हुआ है।वृक्ष से हमें फल, फूल, पत्ते, छाल, औषधि शुद्ध हवा सब कुछ मिलता है। वृक्ष की तुलना देवता और माता पिता से भी किया गया जो कि बगैर कुछ लिए प्रकृती के द्वारा इंसानों को निःशुल्क मिलता है। और इंसान अपने स्वार्थवश जंगल को ही काट देते है जिससे प्रकृति में असंतुलन आ गया है । नाटक के माध्यम से कलाकारों ने बताया कि महुवा, केंद्रीय, सखुआ के पेड़ को लगा के अपनी आमदनी का स्रोत बढा सकते है ।महुवा से जैम ,जेली,बिस्कुट,केक आदि भी बनता है।नाटक के माध्यम से बताया गया कि अगर जंगली हाथी कभी जंगल से भटक जाए तो उसे किसी प्रकार का क्षति नहीं पहुंचाना चाहिए,गुलेल,तीर धनुष,आग, पटाका, बंदूक आदि से नहीं डराना चाहिए और न ही देखने के लिए भीड़ लगाना चाहिए, सेल्फी भी नहीं लेना चाहिए । जंगल से सटे क्षेत्र में महुआ और महुआ से बने शराब घर में नहीं रखने चाहिए नहीं तो हाथी के द्वारा क्षति पहुंचाया जा सकता है।हाथी आने की सूचना बगैर किसी प्रकार की क्षति पहुंचाए वन विभाग को देनी चाहिए। इस कार्यक्रम के आयोजक वन एवं पर्यावरण विभाग, काठिकुंड थे। इस नाटक में लेखक निर्देशक व वरिष्ठ रंगकर्मी डाo नवीन चन्द्र ठाकुर के अलावा कंचन माला मुर्मू, अभिषेक कुमार दास,मनोज पासवान, रामचंद्र राउत,राजू रॉय,कुमारी शांति,मनीषा हांसदा तथा मंजिल नाट्य दल की दल नायिका हेमलता कुमारी उपस्थित थीं।
शनिवार, 9 मार्च 2019
दुमका : वृक्ष लगाओ पर्यावरण बचाओ का मंचन किया गया
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