मुस्लिम अल्पसंख्यक के बाद ये अल्पसंख्यक जैसे ईसाई, सिख एवं जैन आदि भी 1990 तक लोक सभा, राज्य सभा,विधान सभा व विधान परिषद में एक या दो को चुनकर भेजे जाते थे, परन्तु दुख के साथ कहना पड़ रहा है अब इस सरकार में अल्पसंख्यकों में किसी का वजूद नहीं है। यहां तक संवैधानिक प्रावधान एंग्लो इंडियन समुदाय के पद को बिहार में समाप्त कर दिया गया है। जबकि अन्य प्रदेशों में उक्त समुदाय का पद सृजन किया गया है।
पटना,12 मार्च। प्रायः हरेक राजनीतिक दलों के द्वारा अल्पसंख्यकों पर ख्याल किया जाता है। सत्ताधारी बीजेपी ने राज्य में अल्पसंख्यक मोर्चा तो विपक्षी कांग्रेस ने अल्पसंख्यक विभाग खोल रखा है। दोनों ने अल्पसंख्यक में बहुसंख्यक मुस्लिम को अध्यक्ष पद दे रखा है। अल्पसंख्यक में बहुसंख्यक मुस्लिम के बाद ईसाई समुदाय को उपाध्यक्ष पद पर बहाल किया जाता है। अभी बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह हैं। अभी-अभी लोक सभा चुनाव के अवसर पर कम्पेन कमिटी के सदस्य भी मनोनीत किए गए हैं।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नदीम जावेद आए थे। उनका आगमन पर जोरदार ढंग से स्वागत किया गया। यहां पर राज्य स्तरीय सम्मेलन ‘मेरा संविधान मेरा स्वाभिमान‘ में आए थे। मौके पर उन्होंने उत्साहवर्द्धक कार्य अकलियत समाज के बीच करने पर हर्ष व्यक्त किया। अल्पसंख्यक मुस्लिम, सिख, ईसाई एवं जैन समुदाय के लोगों की हक की लड़ाई में साथ दे रहे हैं। इसके आलोक में दिल से सलाम दिया। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी, अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा शानदार ढंग से एवं विशाल सम्मेलन आयोजित किया है। मेरा संविधान मेरा स्वाभिमान के सफल आयोजन के लिये तहे दिल से प्रदेश अध्यक्ष व भाई श्री रुमिन्नत जी एवं अल्पसंख्यक विभाग के पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष डॉ.मदन मोहन झा, संसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, बिहार विधान मंडल दल नेता सदानंद सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद, राष्ट्रीय प्रवक्ता सह विधान पार्षद डॉ. प्रेमचन्द मिश्र, विधायक अमिता भूषण, विधायक श्रीमती भावना झा , विधायक पूनम पासवान, अमित कुमार टुन्ना ,विधायक बंटी चैधरी आदि को तहे दिल से धन्यवाद दिया गया है।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एवं कल्याण सिर्फ कांग्रेस पार्टी के द्वारा ख्याल रखी जाती है। उनका सत्ता में हक सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही दिला सकती है। अल्पसंख्यकों को अपने हक-हकूक की लड़ाई लड़ने के लिए खुद से आगे आना होगा और कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर अपने अधिकारों के लिये खड़ा होना होगा। देश को बांटकर, नफरत फैलाकर नहीं बल्कि सभी धर्मों को जोड़कर रखना होगा। मुस्लिम अल्पसंख्यक के बाद ये अल्पसंख्यक जैसे ईसाई, सिख एवं जैन आदि भी 1990 तक लोक सभा, राज्य सभा,विधान सभा व विधान परिषद में एक या दो को चुनकर भेजे जाते थे, परन्तु दुख के साथ कहना पड़ रहा है अब इस सरकार में अल्पसंख्यकों में किसी का वजूद नहीं है। यहां तक संवैधानिक प्रावधान एंग्लो इंडियन समुदाय के पद को बिहार में समाप्त कर दिया गया है। जबकि अन्य प्रदेशों में उक्त समुदाय का पद सृजन किया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें