राष्ट्रपति ने 53 हस्तियों को दिये पद्म पुरस्कार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 17 मार्च 2019

राष्ट्रपति ने 53 हस्तियों को दिये पद्म पुरस्कार

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नयी दिल्ली 16 मार्च,  राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने लोकगायिका तीजन बाई, चिकित्सक अशोक लक्ष्मणराव कुकडे, पर्वतारोही बचेन्द्री पाल, अभिनेता मनोज वाजपेयी, फुटबॉल खिलाड़ी सुनील छेत्री और क्रिकेटर गौतम गंभीर समेत 53 जानी-मानी हस्तियों को शनिवार को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में तीजन बाई और लार्सन एंड टूब्रो के कार्यकारी अध्यक्ष अनिलकुमार मणिभाई नायक को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। जिबूती के राष्ट्रपति इस्माइल ओमर गेलेह पद्म विभूषण प्राप्त करने के लिए समारोह में उपस्थित नहीं हो सके। छह हस्तियों को पद्मभूषण दिया गया। अन्य 48 हस्तियों को पद्मश्री दिया जाना था, जिनमें तीन समारोह में नहीं आ सके। डॉ. कुकडे और श्रीमती पाल के अलावा एमडीएच मसाले के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी, आरएसएस से जुड़े समाजसेवी दर्शन लाल जैन, वैज्ञानिक शंकरलिंगम नंबी नारायण और पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विजय कृष्ण शुंग्लू को पद्म भूषण दिया गया। पद्मश्री पाने वालों में अभिनेता मनोज वाजपेयी, क्रिकेटर गौतम गंभीर, फुटबॉल खिलाड़ी सुनील छेत्री, पर्वतारोह बचेन्द्री पाल, जानेमाने सर्जन रामास्वामी वेंकटस्वामी, उत्तर प्रदेश के लोकगायक हीरालाल यादव, किसान और साथी किसानों को प्रशिक्षण देने वाले भारत भूषण त्यागी, पत्रकार देवेंद्र स्वरूप (मरणोपरांत), पुरातत्त्वविद शारदा श्रीनिवासन, बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रशांति सिंह, फोटो-कलाकार और पर्वतारोही अनूप शाह, समाजसेवी देवेंद्र पिल्लई प्रकाश राव, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. जगत राम, दुर्लभ बीजों का संग्रह करने वाली ओडिशा के किसान परिवार की कमला पुजारी, वरिष्ठ अधिवक्ता तथा मानवाधिकार कार्यकर्ता हरविंदर सिंह फुलका, स्वामी विवेकानंद जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र के संस्थापक राजस्थान के हुक्मचंद पाटीदार, छत्तीसगढ़ के रंगमंच के लोक कलाकार अनूप रंजन पांडे, लद्दाख इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेंशन के संस्थापक डॉ. सेरिंग नोरबू, नायकी भाव में प्रदर्शन करने वाले ट्रांसजेंडर नृतकी नटराज, ओडिशा के समाज सेवी दायत्रि नाइक, बुंदेली भाषा के लेखक कैलाश मदबैया, रोगन पेंटिंग को पुनर्जीवित करने वाले अब्दुल गफूर खत्री, पुरातत्त्वविद के.के. मुहम्मद और हस्तशिल्पी फयाज अहमद जान शामिल हैं।

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