पूर्णिया : सदर अस्पताल से इलाजरत कैदी के भागने की खबर से शहर में हड़कंप मच गई। यह खबर शहर में आग के तरह फैल गई और लोग सदर अस्पताल पहुंच गए। काफी खोजबीन और मशक्कत के बाद खबर झूठी साबित हुई। किसी ने मीडिया कर्मियों को फोन पर सूचना दी कि सदर अस्पताल में इलाजरत एक कैदी फरार हो गया है। जब दैनिक भास्कर की टीम सदर अस्पताल पहुंच कर मामले की तहकीकात की तो खबर गलत साबित हुई। सदर अस्पताल में सेंट्रल जेल से भेजे गए चार कैदी का इलाज चल रहा है। पुरूष मेडिकल वार्ड में तीन और पुरूष सर्जिकल वार्ड 2 में एक कैदी का इलाज चल रहा है। कैदियों की सुरक्षा के लिए जेल से सुरक्षा कर्मी को भी तैनात किया गया है। इलाजरत कैदियों में गौरव कुमार, रामबली महतो, सोना चरण, नागेश्वर मुखिया है। अस्पताल के रजिस्टर में भी इन्हीं चार कैदियों का नाम दर्ज है। जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में चार कैदी ही इलाजरत है। कैदी फरार होने की सूचना झूठी है। इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने अस्पताल से इलाजरत कैदी भागने की सूचना से इंकार किया है।
...सदर अस्पताल में सामान्य रोग के मरीजों का रेफर से चलाया जा रहा है काम :
सदर अस्पताल में हर बात पर मरीजों को रेफर कर काम चलाया जा रहा है। सरकार जहां मेडिकल कॉलेज की सपना लोगों को दिखा रही है वहीं अस्पताल में इलाज कराना लोगों के लिए दिवा स्वप्न के बराबर साबित हो रहा है। सदर अस्पताल के पुरूष मेडिकल वार्ड बेड नंबर 16 पर कैदी नागेश्वर मुखिया उम्र 80 वर्ष 2 मार्च से इलाजरत है। अस्पताल सूत्र ने बताया कि वह जाॅडिंस रोग से ग्रसित है। लेकिन अस्पताल के डॉक्टर कैदी मरीज का इलाज करने के जगह पीएमसीएच रेफर कर अपनी जिम्मेवारी को पूरा कर लिया है। कैदी नागेश्वर ने बताया कि वह मूल रूप से मधेपुरा जिला के खोखसियान गांव का निवासी है। करीब साढ़े चार वर्ष पूर्व से हत्या के मामले में जेल में आजीवन सजा काट रहा है। पीड़ित ने बताया कि वह बेड से भी उठने के हालत में नहीं है ऐसे में पटना या और कहीं जाने की स्थिति में नहीं है। लेकिन उसके बाद भी डॉक्टर इलाज के जगह रेफर कर दिया है। वहीं कैदी मरीज का रेफर होने से जेल प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूूर्ण हो गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें