9000 विकलांगों को नि:शुल्क कृृत्रिम जयपुरी पैर प्रत्यारोपित किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

9000 विकलांगों को नि:शुल्क कृृत्रिम जयपुरी पैर प्रत्यारोपित किया

बाफना केंद्र ने मानव सेवा के क्षेत्र में रचा नया इतिहास
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गुवाहाटी (आर्यावर्त संवाददाता) : 30 अप्रैल : पूर्वोत्तर भारत को विकलांगता के अभिशाप से मुक्ति दिलाने के महान उद्देश्य से गुवाहाटी के अमीनगाँव में 28 मार्च 1991 को स्थापित तोलाराम बाफना कृृत्रिम पैर व कैलिपर केंद्र ने गत 29 अप्रैल को 8 विकलांगों को नि:शुल्क कृृत्रिम पैर व कैलिपर प्रत्यारोपित करने के साथ ही 9000 विकलांगों को नि:शुल्क अत्याधुनिक कृृत्रिम जयपुरी पैर प्रत्यारोपित कर मानव सेवा के क्षेत्र में नया कीॢतमान स्थापित किया है। विशिष्ट समाजसेवी शुभकरण बाफना ने अपने दिवंगत पिता द्वारा मृत्यु शैय्या पर दिये 'कर भला तो हो भलाÓ के उपदेश को सार्थक करते हुए अपने पिता की पुण्य स्मृति में इस केंद्र की स्थापना की थी। यह केंद्र अब तक 9000 विकलांगों को नि:शुल्क कृृत्रिम जयपुरी पैर प्रत्यारोपित कर जीवन भर के लिए विकलांगता के अभिशाप से मुक्त कर चुका है। गत 29 अप्रैल को बाफना केंद्र के मुख्य तकनीशियन पवित्र बोड़ो के नेतृत्व में तकनीशियनों के दल ने हाथीखुली (काजीरंगा) के अभिजित भूमिज, गोलाघाट के देवाशीष बोरा, केन्दुकोना के इद्रीस अली, कोकराझाड़ के नवीन राय, बासुगाँव के संजय शाह, बंगाईगांव के जमालुद्दीन, एवोदीपाड़ा (चिरांग) की खोतेजा बेगम तथा नगाँव के फजलुल हक को नि:शुल्क कृृत्रिम जयपुरी पैर प्रत्यारोपित कर 9000 विकलांगों को कृृत्रिम पैर प्रत्यारोपण का नया कीॢतमान स्थापित किया। उल्लेखनीय है कि विभिन्न कारणों से जीवन भर के लिए पैर गंवाने वाले अभागे विकलांगों के लिए पूर्वोत्तर में कृृत्रिम पैर प्रत्यारोपण की सुविधा न होने की वजह से क्षेत्र के विकलांगों को जीवन भर मानसिक व शारीरिक कष्ट भोगने के साथ ही विकलांगता का अभिशाप झेलना पड़ता था। बाफना केंद्र की स्थापना के बाद पूर्वोत्तर के विकलांगों को घर के समीप ही नि:शुल्क कृृत्रिम पैर प्रत्यारोपण की सुविधा हासिल होने से उन्हें जीवन भर के लिए विकलांगता के अभिशाप से मुक्ति मिल गई है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने के अवसर पर केंद्र के संचालक शुभकरण बाफना ने कहा कि पिता द्वारा मृत्यु शैय्या पर दिये अंतिम उपदेश ने उनके जीवन की धारा को ही बदल दिया तथा उन्होंने दूसरों का भला करने को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाते हुए इस केंद्र की स्थापना की। उन्होंने कहा कि 9000 विकलांगों को कृृत्रिम पैर प्रत्यारोपण का लक्ष्य हासिल करने पर उन्हें अपना जीवन सार्थक होने की खुशी महसूस हो रही है। बाफना केंद्र के प्रचार सचिव राजकुमार झांझरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में पूर्वोत्तर के सभी नागरिकों से उनके क्षेत्र में अगर कोई भी विकलांग हो तो उसे बाफना केंद्र में भिजवाने अथवा मोबाईल नंबर- 98641-03086 पर संपर्क करने का अनुरोध किया है, ताकि पूर्वोत्तर को पूर्णतया विकलांगता के अभिशाप से मुक्त करने का लक्ष्य जल्द से जल्द हासिल किया जा सके।

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