आजम को 72 घंटे और मेनका को 48 घंटे तक प्रचार करने से रोका - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 15 अप्रैल 2019

आजम को 72 घंटे और मेनका को 48 घंटे तक प्रचार करने से रोका

azam-menka-ban-for-caimpaign
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल, चुनाव आयोग ने केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को विवादित बयान देने के मामले में मंगलवार से अलग अलग अवधि के लिये चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है।  यह पहला मौका है जब किसी केन्द्रीय मंत्री को प्रचार अभियान में हिस्सा लेने पर देशव्यापी रोक लगायी गयी है। आयोग ने सोमवार को इस बारे में आदेश जारी कर मेनका गांधी को मंगलवार (16 अप्रैल) को सुबह दस बजे से अगले 48 घंटे तक देश में कहीं भी किसी भी प्रकार से चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने से रोक दिया है। इसी तरह एक अन्य आदेश में आजम खान को भी मंगलवार सुबह दस बजे से अगले 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोका गया है। उल्लेखनीय है कि मेनका गांधी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा की और आजम खान रामपुर संसदीय क्षेत्र से सपा के उम्मीदवार हैं। आयोग ने मेनका गांधी को 11 अप्रैल को सुल्तानपुर में एक नुक्कड़ सभा में एक संप्रदाय विशेष के बारे में की गयी विवादित टिप्पणी से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर कार्रवाई करते हुये उक्त अवधि में प्रचार करने से रोका है।  इसी प्रकार आयोग ने आजम खान के भाजपा की प्रत्याशी जयाप्रदा के बारे में रविवार को दिये गये आपत्तिजनक बयान को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मानते हुये उन्हें इस रवैये पर कड़ी फटकार लगाते हुये अगले तीन दिन तक प्रचार करने से रोक दिया है।  आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत प्रदत्त अधिकारों को इस्तेमाल करते हुये दोनों नेताओं के रवैये की आलोचना करते हुये देश में कहीं भी प्रचार अभियान में हिस्सा लेने से रोका है। यह दूसरा मौका है जब आजम खान को आयोग द्वारा प्रचार करने से प्रतिबंधित किया गया हो।  उल्लेखनीय है कि इससे पहले अप्रैल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान आयोग ने भाजपा नेता गिरिराज सिंह को झारखंड और बिहार में प्रचार करने से रोका था। पिछले आम चुनाव के दौरान ही आयोग ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और सपा नेता आजम खान को उत्तर प्रदेश में प्रचार करने से रोका था।  चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि आजम खान ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया है और वह अभी भी बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं । इसके लिए उन्हें फटकार लगाते हुए आयोग ने रोक लगाई है। आयोग के प्रधान सचिव अनुज जयपुरिया द्वारा जारी आदेश में आजम खान और मेनका गांधी को कड़ी फटकार लगाते हुये कहा गया है कि दोनों नेता इस अवधि में किसी भी जनसभा, पदयात्रा और रोड शो आदि में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इतना ही नहीं वे प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में साक्षात्कार भी नहीं दे सकेंगे।  मेनका गांधी को सुल्तानपुर में एक जनसभा के दौरान मुस्लिम मतदाताओं के बारे में विवादित बयान देने पर आयोग ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का दोषी पाया जबकि आजम खान को रामपुर में एक जनसभा में जयाप्रदा के प्रति अपमानजनक बयान देने के कारण आचार संहिता उल्लंघन का दोषी करार देते हुये भविष्य में ऐसे बयान नहीं देने से बचने को कहा है।  उल्लेखनीय है कि दूसरे चरण के लिये 18 अप्रैल को होने वाले मतदान के मद्देनजर 16 अप्रैल को शाम पांच बजे से प्रचार अभियान थम जायेगा। आयोग ने इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 72 घंटे और और बसपा अध्यक्ष मायावती को 48 घंटे तक देश में कहीं भी प्रचार करने से रोकने का सोमवार को आदेश जारी किया है।  गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने भी चुनाव प्रचार के दौरान बसपा प्रमुख मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथित रूप से विद्वेष फैलाने वाले भाषणों का सोमवार को संज्ञान लिया और निर्वाचन आयोग से जानना चाहा कि उसने इनके खिलाफ अभी तक क्या कार्रवाई की है।

कोई टिप्पणी नहीं: