बेगुसराय : भाविप के नव चयनित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 15 अप्रैल 2019

बेगुसराय : भाविप के नव चयनित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) आज दिनांक 15 अप्रैल 2019 रोज सोमवार को स्थानीय छप्पनभोग के सभागार में भाविप के नव पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण समारोह सह नव संवत्सर का हर्षोल्लास मनाते हुए शपथ ग्रहनोपरांत भोज का भी आयोजन किया गया।नव निर्वाचित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण बेगुसराराय कोशी पूर्वी शाखा के संरक्षक माननीय डॉ०नलिनी रंजन और डॉ०रामरेखा सिंह ने दिलाई।जिसमें शाखा समन्वयक श्री गजेंद्र प्रसाद सिंह,अध्यक्ष सह संपर्क संयोजक श्री गोपाल शाण्डिल्य,महिला सहभागिता  प्रमुख के रूप में श्रीमति प्रो० आशा सिन्हा,संयोजक सेवा श्री संजय कुमार सिन्हा,संयोजक संस्कार प्रकोष्ठ श्री अरुण शाण्डिल्य के साथ साथ कार्यकारिणी सदस्यों के रूप में डॉ०रामरेखा सिंह,श्री मुकेश कुमार जैन,डॉ०सुरेश प्रसाद राय,श्री मुकेश कुमार सिंह,श्री मनोज कुमार राय शामिल थे।वहीं पर पूर्व अध्यक्ष श्री राजकिशोर प्रसाद सिंह,सचिव श्री अशोक कुमार,संगठन सचिव श्री अनिल कुमार सोनी,कोषाध्यक्ष श्री गणेश सोनी के साथ डॉ० कान्ति मोहन सिंह,अशोक कुमार सिन्हा,किशोरी मिश्रा,रंजना सिंह आदि कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति दर्ज की गई।मौके पर भारत विकाश परिषद गान श्रीमती किशोरी मिश्रा द्वार गा कर एवं दीप प्रज्वलित करते हुए भारत माता एवं स्वामी विवेकानंद के तैलचित्र पर माल्यार्पण के साथ पुष्पञ्जली कर विधिवत कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। 01 जनवरी और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष के रूप में मनाने पर उपस्थित अतिथि उद्घाटनकर्ता,अध्यक्ष,सचिव आदि ने अपने अपने मंतव्यों से दोनों नववर्ष की विवेचना करते हुए सनातन नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा श्रेयस्कर बताया।अभी वर्तमान में परिधावी नाम सम्वत 2076 का श्रीगणेश हुआ है जो कि 46वाँ संवत्सर है।संवत्सरों के बारे में विधान सम्मत है कि कुल 60 संवत्सर है।इन 60 समवत्सरों को तीन भागों में विभक्त कर प्रथम के 20 संवत्सर विष्णु के नाम पर आधारित है,बीच के 29 संवत्सर ब्रम्हा के नाम पर है और अंत के 20 संवत्सर रुद्र यानी शिव के नाम पर है।यह परिधावी नाम संवत्सर जो कि 46वाँ संवत्सर है तो ये रुद्र समवत्सर अभी वर्तमान में चल रहा है।जो कि क्रमशः आँगल 2033/34 ईस्वी सन तक रुद्र समवत्सर ही रहेगा।तत्पश्चात 2035 ईस्वी से पुनः विष्णु संवत्सर का उदय होगा।जोतिषीय गणना के अनुसार अभी देश की स्थिति रौद्र रुप धारण किये रहने वाला है,सामान्य रूप से देखा जाए तो 2035 से कुछ शान्ति वातावरण में देश की स्थिति होना सम्भव हो सकता है।क्योंकि संवत्सरों का भी प्रभाव पड़ता है पड़ता है।

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