आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में- सुजात खान
हिंडोरिया,28 अप्रैल। जल , जंगल , जमीन , पानी , आजीविका समेत आदिवासियों ,वनवासियों, वंचितों ,भूमिहीनो , आवासहीनों , गरीबों आदि के जन सरोकारों के मुद्दों को लेकर देश - दुनिया भर में काम करने वाले महान गांधीवादी गैर राजनीतिक जन संगठन एकता परिषद के बैनर तले वा-वापू की 150 वी वर्षगांठ के उपलक्ष में पटेरा ब्लॉक के चीलघाट पड़री के जंगल में स्थित एकता शिशु विद्यालय भवन में एक दिवसीय मतदाता जागरूकता एवं जनप्रतिनिधि संवाद बैठक आयोजित की गयी । बैठक की अध्यक्षता वयोवृद्ध सक्रिय मुखिया मंदो बाई आदिवासी ने की । महान क्रांतिकारी तेजतर्रार समाजसेवी एकता परिषद के बुनियादक सिपाही संतोष भारती कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे ।
कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन एकता परिषद के प्रदेश समन्वयक सुजात खान द्वारा किया गया ।इस संबंध में संगठन के अयोध्या प्रसाद भूपेंद्र सिंह , रक्कू आदिवासी ने बताया कि कार्यक्रम में 17 गांव के डेढ़ सौ से अधिक महिला - पुरुष मुखिया साथियों ने भाग लिया । इस मौके पर वनाधिकार कानून ,भू राजस्व कानून , मनरेगा कानून , एवं विभिन्न सरकारों की योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति , कार्यक्रमों तक वंचितों की पहुंच , सहित वर्तमान राजनीतिक ,सामाजिक , आर्थिक , शैक्षणिक , स्थितियों पर आपसी विमर्श हुआ । अतिथि संतोष भारती ने कहा कि वर्तमान दलगत व्यवस्था के चलते वंचितों का भला होना मुमकिन नहीं है । जनता की राजनीति लाने के लिए वंचितों के बीच से ही नेतृत्व क्षमता का विकास करना होगा । वरना हमेशा गरीबों को छला जाता रहेगा । प्रदेश समन्वयक सुजात खान ने कहा कि वर्तमान में पूरे देश के आदिवासियों वनवासियों का अस्तित्व खतरे में है । तथाकथित विकास के नाम पर सरकारों द्वारा आदिवासियों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित कर बेदखल कर उनके वजूद को भारत की धरती से तहस-नहस किया जा रहा है । आज देश का असली मालिक भूमिहीन - आवासहीन बनकर दर - दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर है । श्री खान ने कहा कि पूरे देश में बरसों से वन भूमि पर काविज आदिवासियों को बेदखल करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय , केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता एवं कुल्हाड़ी लेकर चलने पर आदिवासियों को गोली मारने के आदेश की बात को लेकर आदिवासियों वनवासियों में भारी आक्रोश है । बैठक में आगामी 6 मई को होने वाली लोकसभा चुनाव में आदिवासियों वनवासियों ने सोच समझकर बड़े पैमाने पर मतदान करने का निर्णय लिया । बैठक में जगत जय जगत 2020 विश्व व्यापी आंदोलन के संबंध में भी चर्चा की गई । कार्यक्रम में मंजीत राज , शांति बाई ,अमर सिंह ,नन्हे भाई , लाडली बाई , मोहन आदिवासी ,लोंगा बाई आदिवासी ,रामसहाय अहिरवार , विनोद कुमार , राजू वासुदेव , प्रभु आदिवासी सहित बड़ी संख्या में सक्रिय महिला पुरुष मुखिया साथी मौजूद रहे ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें