अरुण कुमार (आर्यावर्त) भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने फिर से एक बार विवादित बयान दिया है. उनके बयान को चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया और उनपर प्राथमिकी दर्ज किया है।इससे पहले उनके बयान को लेकर एनडीए के घटक दल जदयू ने भी आपत्ति जतायी है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने गिरिराज के बयान पर कहा है कि इसपर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। केसी त्यागी ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे बयान देने वालों की उम्मीदवारी निरस्त कर दी जानी चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग के दांत खाने के और हैं, दिखाने के कुछ और। ऐसे बयान पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। वहीं लोजपा नेता चिराग पासवान ने भी कहा है कि हम उनकी भाषा का समर्थन नहीं करते हैं।
गिरिराज सिंह ने अपने भाषण में जो भी कहा था वह निंदनीय है :-
बेगूसराय के जीडी कॉलेज परिसर में आयोजित चुनावी सभा में बुधवार को उन्होंने कहा कि राजद के दरभंगा से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार कहते हैं कि वे वंदेमातरम नहीं बोलेंगे। जबकि उन्हें कब्र के लिए भी तीन हाथ जमीन चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि अगर कब्र के लिए तीन हाथ जमीन चाहिए, तो मुस्लिमों को भी वंदेमातरम कहना होगा।जो कि सरासर गलत है,किसी भी जाति धर्म पर कींचड़ उछालने का कोई अधिकार नहीं।हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई हर धर्म,मजहब के इंसान जो हिन्दुस्तान में हैं वो सिर्फ और सिर्फ हिन्दुस्तानी हैं।गिरिराज ने जब ये कहा था तो उस समय मंच पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत अन्य नेता भी मौजूद थे। संबोधन के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वजों को यहीं सिमरिया घाट में जलाया गया था। उनके लिए अलग से जमीन की जरूरत नहीं थी।परंतु उनलोगों के कब्र के लिए भी तीन हाथ जमीन अलग अलग चाहिए।आगे आपको बताते चलें कि गिरिराज सिंह का यह कोई पहला विवादित बयान नहीं है। 23 अप्रैल को भी बीहट में आयोजित चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में आयोजित बैठक में भी उन्होंने ऐसा ही विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिसे भारत में रहना है, उसे वंदेमातरम कहना होगा।ये अलग बात है कि इनकी बयान या बोलने की भाषाशैली ठीक नहीं है मगर ये दिल से इन्सान बहुत ही अच्छे हैं।जिनके अन्दर देश के प्रति भावनात्मक लगाव कुछ अधिक ही है जिसके कारण देश को लाभ न देकर कभी कभी हानिकारक भी ही जाता है।
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