सिनेमा समाज़ का आईना होता है । एक अच्छा सिनेमा अपने आप मे एक समृद्ध साहित्य होता है, और साहित्य सिनेमा की जननी । हमारी धरती सहित्यसेवियों, कलाकारों की धरती रही है । इन्होंने मांगेंन खबास, राजकमल और मायानंद मिश्र को जना है तो राहुल सिन्हा और सुशांत सिंह राजपूत जैसे कलाकार भी इनके गर्भगृह से निकलकर विश्वपटल पर अपनी छाप छोड़ चुके हैं । इतनी समृद्ध परंपरा, साहित्यिक परिपूर्णता और कोसी के नायाब प्राकृतिक सुंदरता के वाबजूद हम सिनेमाई रूप से पिछड़ गए हैं । न तो हमारा साहित्य न ही हमारा भूगोल निर्देशकों को आकर्षित कर पाया है, न ही हमारे व्यापारीवर्ग इस इंडस्ट्री की और अपना हाथ खोल रहे हैं । ऐसे में लोगों को सिनेमा और फ़िल्म के बारीकियों को समझाने और उन्हें सिनेमा से जोड़ने का एक छोटा सा प्रयास #कोशिफिल्मफेस्टिवल के रूप में उभर कर आया । जिसने अपने पहले ही आयोजन से न केवल बड़े निर्देशकों को पहली बार कोसी की धरती पर पदार्पण कराया अपितु देश-विदेश के दिग्गज कलाकरों को एक मंच प्रदान कर सहरसा के लोगों में सिनेमाई चेतना का विकास किया । समय है इस कड़ी को आगे बढ़ाने का, देश-विदेश के वैसे कलाकारों को पुनः एक मंच पर लाने का जो कोसी के होकर भी यहां के नही हो पाए । तो आइये पुनः एक बार स्वागत करें हम अपने ही कलाकरों का अपनी धरती पर @कोशिफिल्मफेस्टिवल सीजन 2 में ।
सोमवार, 8 अप्रैल 2019
बिहार : शुरू होने वाला है कोशी फिल्म फेस्टिवल-2
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