पूर्णिया : जीवन का अंत ही सबसे बड़ा कटु सत्य है। मनुष्य अपने जीवन काल में ही अच्छे बुरे कर्म का परिणाम भुगतता है और अच्छे कर्म करने वालों को ही पुन: मनुष्य योनी प्राप्त होती है। श्रीमद्भागवत गीता का कथा सुनने मात्र से जीवन के सभी कष्ट व क्लेश दूर हो जाते हैं। उक्त बात महावीर चौक, श्रीनगर रोड स्थित सार्वजनिक महावीर मंदिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान वृंदावन से आए कथा वाचक महाराज गोपी रमण दास जी ने कही। भागवत कथा सात दिनों से जारी थी, जिसका समापन हो गया। स्वामी ने कथा वाचन के क्रम में कहा जब मनुष्य जीवन की भागदौड़ से थक जाता है या मुक्ति के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं तो वैसे लोगों को धार्मिक कथाओं को सुनने की जरूरत है। भागवत कथा के सुनने से सभी बाधाएं दूर होने के साथ मन को शांति मिलती है और आगे बढ़ने का रास्ता आसान हो जाता है। वहीं स्वामी जी ने रूक्मणी हरण, विवाह, कृष्ण जी की रासलीला, जामंती विवाह, श्री रामेश्वरम स्थापना एवं अन्य कई धार्मिक संस्कार का महत्व एवं इतिहास के बारे में श्रद्धालुओं को जानकारी दी। भागवत कथा के दौरान भजन कीर्तन व आरती का भी भव्य रूप से आयोजन किया गया। वहीं कथा स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी और पुरूष से अधिक महिला श्रद्धालुओं की संख्या अधिक थी। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष भूपेंद्र प्रसाद सिंह व सचिव गिरीश चंद्र झा ने आगंतुकों का स्वागत किया। श्रीमद्भागवत कथा के सफलतापूर्वक समापन में देवेंद्र प्रसाद सिंह, नंदकिशोर सिंह, केशव चंद्र झा, श्रवण कुमार जेजान, ललन कुमार ललित, श्यामजी झा व मंदिर के पुजारी बटेश झा का अहम योगदान रहा।
सोमवार, 29 अप्रैल 2019
पूर्णियां : श्रीमद्भागवत गीता का कथा सुनने मात्र से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं
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