स्वरूपनगर 29 अप्रैल, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी एेसा प्रधानमंत्री नहीं देखा जिसने भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने का प्रयास किया हो। सुश्री बनर्जी ने उत्तर 24 परगना जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि श्री मोदी को बुनियादी राजनीतिक शिष्टाचार की भी समझ नहीं है जो बंगाली संस्कृति का हिस्सा है। उन्हाेंने कहा, “मैंने बंगाल की आेर से प्रधानमंत्री को कुर्ता दिया। यह शिष्टाचार है और इसमें उनके शेखी बघारने की कोई बात नहीं है। यह हमारी संस्कृति है। मैं कई अन्य गणमान्य लोगों को भी तोहफे भेजती हूं।” उन्होंने कहा, “मैं अपने सबसे बड़े दुश्मन का भी सम्मान करती हूं और जरूरत के समय उसके साथ खड़ी रहती हूं क्योंकि यह राजनीति से परे है। मैं अपने विरोधियों के भी घर गयी। यह बंगला संस्कृति है। हम दूसरों का आदर करते हैं। हम दूसरों के साथ अच्छी चीजें बांटते हैं। यह बंगला की अच्छी चीजों को सम्मान देने का तरीका है।” तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। इतना ईर्ष्यालु, दंगा भड़काने का इच्छुक कोई प्रधानमंत्री कभी भी कुर्सी पर नहीं बैठा। उन्होंने श्री मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने हर व्यक्ति को 15 लाख रुपये देने का अपना वादा नहीं निभाया। दूसरी तरफ नोटबंदी के नाम पर लोगों का उत्पीड़न किया। उन्होंने अच्छे दिन का वादा किया लेकिन अब तक 12 हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं, तीन करोड़ लोग बेरोजगार हो गये है, आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं, लोगाें की हत्याएं हो रही हैं। सुश्री बनर्जी ने कहा, “ वह साढ़े चार वर्ष तक वह विश्व भ्रमण करते रहें और अब यहां आकर हमारी सरकार पर चिट फंड को मदद करने का आरोप लगा रहे हैं। चिट फंड धोखेबाजों द्वारा चलाये जा रहे हैं और हम धोखेबाजों की मदद नहीं करते। आपकी पार्टी धोखेबाजों से भरी पड़ी है। हमने चिट फंड के खिलाफ विधानसभा में विधेयक पारित किया लेकिन केंद्र सरकार बंगाल के प्रति इतनी ईर्ष्यालु है कि इसे पारित नहीं किया।”
मंगलवार, 30 अप्रैल 2019
मोदी को राजनीतिक शिष्टाचार की समझ नहीं : ममता बनर्जी
Tags
# चुनाव
# देश
# राजनीति
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
राजनीति
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें