सुरक्षाकर्मियों को ‘नमो’ लोगो वाले भोजन के पैकेट बांटे जाने से छिड़ा विवाद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 12 अप्रैल 2019

सुरक्षाकर्मियों को ‘नमो’ लोगो वाले भोजन के पैकेट बांटे जाने से छिड़ा विवाद

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नोएडा/लखनऊ, 11 अप्रैल, नोएडा में चुनाव ड्यूटी पर कुछ सुरक्षाकर्मियों को ‘‘नमो फूड्स’’ के ‘लोगो’ वाले भोजन के पैकेट बांटे गए, जिसकी विपक्षी दलों ने आलोचना की है। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने कहा कि पैकेट पर ‘फूड शॉप’ का नाम था।  बसपा ने कहा कि उसने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की हे।  गौरतलब है कि ‘नमो’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संक्षिप्त नाम का पर्याय माना जाता है। अतीत में यह नाम (नमो) भाजपा से जुड़ी चीजों पर देखा गया था और हाल में यह नाम एक टीवी चैनल का भी देखा गया था।  अधिकारियों ने बताया कि एक कार में रख कर लाए गए भोजन के ये पैकेट नोएडा के सेक्टर 15 ए के बूथ पर सुबह करीब साढ़े नौ बजे पुलिस कर्मियों को बांटे गए, जब गौतम बुद्ध नगर क्षेत्र में मतदान जारी था।  इस सीट से केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार महेश शर्मा पुन: निर्वाचित होने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।  भोजन के ये पैकेट भगवा रंग के थे जिन पर ‘‘नमो फूड्स ’’ लिखा हुआ था। इनके बांटे जाने के शीघ्र बाद लोगों में कौतुहल छा गया।  इस बारे में, उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी वेंकटेश्वरलू ने लखनऊ में कहा, 'इस बारे में मैंने जिलाधिकारी से बात की। जिस कंपनी से यह खाना आया है उसका नाम ‘नमो’ है। इसका प्रधानमंत्री से कोई संबंध नही है।' 

हालांकि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।  उन्होंने एक रीट्वीट को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘ महापिरवर्तन के लिए काफी संख्या में मतदाता उमड़ रहे हैं जो शायद इस हताश कदम को बयां करता है। साफ तौर पर भाजपा एकमात्र यह चीज जानती है कि ब्रांडिंग और मार्केटिंग कैसे करना है। ’’  साथ ही, सपा की गठबंधन साझेदार बसपा ने कहा कि उसने इस सिलसिले में चुनाव आयोग से संपर्क किया है।  पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने कहा कि पार्टी ने इस मुददे को राज्य स्तर पर और चुनाव आयोग के समक्ष उठाया है। उन्होंने अपने आरोप को मजबूत करने के लिए इस संबंध में सोशल मीडिया के जरिए कुछ तस्वीरें भी मुहैया की।  इससे पहले, गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने कहा कि यह गलत सूचना फैलाई जा रही है कि कुछ पुलिस कर्मियों को एक राजनीतिक दल की ओर से भोजन वितरित किया गया। किसी भी मतदान कर्मी को किसी पार्टी द्वारा भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग गलत और राजनीति से प्रेरित अफवाह फैला रहे हैं। किसी खास दुकान से भोजन खरीदने का कोई आधिकारिक आदेश नहीं है।’’ 

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