अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ ने कहा कि मेरा कार्यक्रम अलग
पटना,24 अप्रैल। गैर सरकारी संस्था है अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ। इस संघ के द्वारा आतंकवादियों के हाथों मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने का अपना अलग से कार्यक्रम निर्धारित किया गया था। जो कुछ लोगों के द्वारा कार्यक्रम के आयोजकों को कटघरे में लाने का प्रयास शुरू कर दिया है। संघ के द्वारा आयोजित कार्यक्रम को आचार संहिता तोड़ने वाला करारकर चुनाव आयोग को ट्वीट कर दिया गया है।
अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के प्रवक्ता
शैलेश अंतुनी का कहना है कि भारत के प्रत्येक नागरिकों को अभिव्यक्ति का अधिकार है। इसी क्रम में कोलंबों में घटित अमानवीय कृत्य करने वालों के खिलाफ व मारे जाने को श्रद्धांजलि दी गयी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का पहले ही फोटोग्राफ हो चुका था। स्थानीय प्रेस और लाइव आर्यावर्त में रिलीज़ भेजा जा चुका था। यह जो कोई रोड शो या रैली नहीं था बल्कि अपने घर के कैम्पस में श्रद्धांजलि कार्यक्रम था।जिसमें ईसाई समुदाय के ही लोग शामिल थे। किसी पार्टी के नेता वगैरह नहीं थे। यह संघ का अपना श्रद्धांजलि कार्यक्रम था ,न कि कोई रोड शो, रैली या अन्य किसी के कार्यक्रम का हिस्सा।
कुर्जी पैरिश काउंसिल की सचिव मार्ग्रेट मार्टिन के नेतृत्व में कैंडल मार्च
र्जी पैरिश काउंसिल की सचिव मार्ग्रेट मार्टिन के नेतृत्व में कुर्जी पल्ली की ओर से श्रीलंका में हुये आंतकी हमले के विरोध मे फेयर फील्ड कोलोनी से कैंडल मार्च निकालने का सुझाव रहा। कुछ काउंसिल सदस्य सहयोग के लिए आगे आये। यह कार्यक्रम कुर्जी पल्ली की ओर से था। काउंसिल की सचिव ने बताया कि अनुमति लेने बाजाप्ता रफिक और सुशील लोबो कार्यकारी पल्ली पुरोहित फादर सुसाई राज से पत्र लेकर दीघा थाना के थाना प्रभारी से मिलने गये थे।उक्त थाना प्रभारी ने प्रस्तावित इस कैंडल मार्च न करने की सलाह दी और पटना सदर के एसडीओ से आदेश प्राप्त करने को कहा । बता दें कि चुनाव आचार संहिता लागू है । इसके बाबजूद अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के एस के लॉरेंस अपने संघ की बैनर दिखा कर अपनी संघ को समाचार पत्रों में प्रकाशित करा दिये । उस समय फेयर फील्ड कॉलोनी मे उपस्थित 6 कुर्जी पैरिश काउंसिल के सदस्य और सचिव हैरान है, जबकि यह एक कुर्जी चर्च का कार्यक्रम था। यह अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ का कार्यक्रम नहीं था। इसे Encroachment करार दिया है। काउंसिल की सचिव को जरा समझने के लिए कहा गया है। यह भी कहा गया कि किसी ने ठीक ही कहा था कि ईसाईयों की राजनीति चर्च कैम्पस में ही क्यो ?नये पल्ली पुरोहित कुछ काउंसिल सदस्य और ईसाईयों को बरगला कर अपनी ओछी राजनीति चर्च कैम्पस में न हो तो अच्छी बातें होंगी । अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के महासचिव एसके लौरेंस ने कहा कि यह हमारा कार्यक्रम का हिस्सा था। हमारा कार्यक्रम कार्यालय परिसर के बाहर किया गया।उनका कार्यक्रम यानी कुर्जी पैरिश काउंसिल या कुर्जी चर्च का कार्यक्रम फेयरफील्ड में आयोजित था। भ्रम फैलाने वालों को सोचना चाहिए कि कार्यक्रम करने का एकाधिकार कुर्जी पैरिश कांउसिल का नहीं है। महासचिव का कहना है कि रही बात फेयरफील्ड की कैन्डल रैली की।तो मुझे मार्ग्रेट मार्टिन के द्वारा आमंत्रित किया गया था। उक्त कार्यक्रम सिर्फ शामिल होने के लिए। उन्होंने कहा कि अपने संघ का वहां प्रतिनिधित्व करने या उस रैली को कंडक्ट करने के लिए या उस कार्यक्रम का फोटो खींचने तथा मिडिया को वहां का फोटो या प्रेस रिलीज़ भेजने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था। क्योंकि वह कार्यक्रम मेरे संघ का था ही नहीं।मेरे संघ का कार्यक्रम तो काफी पहले ही हो चुका था तथा प्रेस रिलीज़ तो बहुत पहले ही जा चूका था।दिनांक 13.04. 2019 को मैडम डॉरोथी द्वारा कारगिल चौक पर हुए कैंडल मार्च में भी मैं आमंत्रित किया गया था तथा इस नेक काम में मैं उसमें भी शामिल हुआ था।तो शायद इससे भी दो,तीन लोगों को बेचैनी होनी चाहिए क्या? यह सब मेरे समझ के पर है।यह सिर्फ चंद लोगों द्वारा ईसाई समुदाय तथा पैरिश काउंसिल के लोगों को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है।
लाइव आर्यवर्त के द्वारा प्रकाशित खबर सच्चाई को उजागर करने के लिए काफी है
गैर सरकारी संस्था अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के बैनर तले श्रीलंका में ईस्टर के दिन तीन चर्चों तथा चार अन्य जगहों पर आतंकी हमलों में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना एवं दुःख प्रकट करते हुए इस जघन्य घृणित घटना की घोर निंदा करता है।साथ ही श्रीलंका सरकार से तथा (अंतर्राष्ट्रीय) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से अपील करता है कि जल्द से जल्द गुनाहगारों का शिनाख्त कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का कार्य करें तथा भविष्य में किसी भी देश में ईसाई समुदाय के साथ किसी तरह की दुर्घटना तथा अमानवीय व्यवहार न हो,इसकी त्वरित व्यवस्था की जाए।साथ ही अपने देश के ईसाईयों,धर्मगुरुओं, धर्मबहनों,धार्मिक संस्थानों,अल्पसंख्यक विद्यालयों की सुरक्षा का पुख्ता इंतज़ाम किया जाए।ज्ञात हो कि भारत के ईसाईयों तथा संस्थानों वगैरह के सुरक्षा के लिए पूर्व में भी बिहार सरकार तथा केंद्रीय सरकार से अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ द्वारा आग्रह किया जाता रहा है।
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