नोटबंदी के बाद एक साल में विदेशी बैंकों में पहुंचे 7000 करोड़ : कांग्रेस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 5 मई 2019

नोटबंदी के बाद एक साल में विदेशी बैंकों में पहुंचे 7000 करोड़ : कांग्रेस

7000-crores-in-foreign-banks-after-one-year-of-ban-congress
नयी दिल्ली, 04 मई, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने की बात करने और कैशलेस समाज की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद एक साल में सात हजार करोड़ रुपए विदेशी बैंकों में जमा हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नोटबंदी के बाद बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। सोशल मीडिया में इस संबंध में एक वीडियो चल रहा है जिसके एक दृश्य में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के दफ्तर का एक सुरक्षा अधिकारी कह रहा है कि उसे नोटों से भरी एक वैन को बिना जांच के अंदर आने के लिए पार्टी के कोषाध्यक्ष पीयूष गोयल का फोन आता है और वैन में लाया गया सारा कैश भाजपा दफ्तर की पहली मंजिल के स्ट्रांग रुम में जमा करा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी का मकसद कैशलेस को बढ़ावा देना बताया था लेकिन वह मकसद पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के डाटा के अनुसार 2014 में 7.8 लाख करोड़ रुपए की नकदी प्रचलन में थी जो 2018 में 18.5 लाख करोड़ हो गई थी। नोटबंदी के समय 2016 में बाजार में नकदी 17.97 लाख करोड़ थी जो अब बढकर 21.42 लाख करोड़ हो गई है। प्रवक्ता ने सवाल किया कि नोटबंदी के बाद अगर नकदी का प्रचलन ढाई लाख करोड रुपए से ज्यादा बढ़ जाता है तो नोटबंदी कर लोगों को परेशान करने का क्या औचित्य था। श्री मोदी तब कैशलेस सोसायटी बनाने की बात करते थे लेकिन बाद में हुआ इसके ठीक उलट। आज प्रचलन में 21 लाख करोड़ से ज्यादा रुपए के नोट हैं और इतने अधिक नोट पहले कभी प्रचलन में नहीं रहे। उन्होंने कहा कि यदि काला धन विदेशी बैंकों में जमा होना नहीं रुका, कालेधन का खात्मा नहीं हुआ, आतंकवाद का खात्मा नहीं हुआ और कैशलेस सोसायटी का निर्माण नहीं किया जा सका तो फिर किसलिए नोटबंदी की घोषणा की गयी थी। नोटबंदी की जो भी वजह सरकार ने बतायी थी वह हुआ ही नहीं है।

कोई टिप्पणी नहीं: