चुनावी गर्मी में 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का बैनर टंगने से राजनीति दलों के बीच में होने लगी है कपकपी
दानापुर,02 मई। पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में चाचा रामकृपाल यादव और भतीजी डॉ.मीसा भारती के बीच कांटे की सीधी संघर्ष है। रूपसपुर ,जलालपुर,चुल्हाई चक, शबरी कॉलोनी आदि के लोग ' रोड नहीं तो वोट नहीं' का बैनर टांग कर चुनावी गर्मी में राजनीति दलों के बीच में कपकपी पैदा कर दी है। इस बैनर ने राजद प्रत्याशी डॉ.मीसा भारती को मुद्धा थमा दिए। इस मुद्धे के बल पर भतीजी मीसा भारती चाचा रामकृपाल यादव को मात देने की योजना बना रही है।बता दें कि 2014 में राजद से संबंध विच्छेद कर रामकृपाल यादव बीजेपी में शामिल हुए थे। मोदी लहर में संसद तक पहुंच सकें। बता दें कि पूर्व मध्य रेलवे ने रेलवे की जमीन को पर चहारदीवारी कर लोगों को सुरक्षा प्रदान करने की योजना बनायी। अगर यह योजना सफल होती तो रूपसपुर, जलालपुर, चुल्हाई चक, शबरी कॉलोनी के लोगों को घर से बाहर निकलकर अन्यत्र जाना बंद हो जाती। रोड की मांग को लेकर लोग अंहिसात्मक आंदोलन छेड़ दिए। क्षेत्र के सांसद होने के नाते सांसद रामकृपाल यादव आए। रेलमंत्री से रोड दिलवाने का आश्वासन दिए। मगर आश्वासन पर सांसद महोदय खरा नहीं उतरें। लोगों ने एक नहीं दो जगहों पर बैनर टांग रखा है। परेशान लोगों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्राइम वक्ता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लुभावने नारा को प्रभावहीन करने में लग गए हैं। वहीं रहे सहे कसर मतदाता जागरूकता अभियान वाले पूरा कर रहे हैं। नो वोटर लेफ्ट बिहाइंड वाले मतदाताओं को प्रेरित कर रहे हैं कि कोई भइया-मइया रुठे नहीं वोटर मतदान करने से छूटे नहीं। अपने विवेक से वोट डाले।किसी के भय से व प्रलोभल के बल पर वोट न डाले। संविधान की रक्षा व मौलिक अधिकार को बरकरार रखने के लिए वोट दें। बता दें कि पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के सांसद महोदय ने लोकल समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कारगर कदम उठाया ही नहीं है। केवल रेलवे की जमीन पर रोड निर्माण करने की मांग को समर्थन करते रहे। पांच साल सबका साथ सबका विकास करने का नारा अलापते रहे।
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