नयी दिल्ली 14 मई, भारत ने ईरान से कहा है कि वह अपने व्यावसायिक हितों,ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए उससे तेल आयात करने के बारे में कोई भी निर्णय लोकसभा चुनाव के बाद लेगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत की यात्रा पर आये ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ से मुलाकात के दौरान मंगलवार को भारत की स्थिति स्पष्ट की। पिछले महीने भारत ने कहा था कि अमेरिका द्वारा प्रतिबंधों में दी गयी रियायत समाप्त होने के बाद वह तेल आपूर्ति की जरूत पूरी करने के लिए सऊदी अरब जैसे देशों से तेल आयात के विकल्पों पर विचार करेगा। ट्रंप प्रशासन ने अप्रैल में कहा था कि वह ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को प्रतिबंधों में दी गयी छूट एक मई से समाप्त कर देगा। चीन के बाद भारत ही ईरान से सबसे अधिक तेल आयात करता है। वर्ष 2018-19 में भारत ने चीन से 2 करोड़ 40 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया था। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने उस समय टि्वट किया था कि देश की रिफाइनरियों को तेल की आपूर्ति के लिए मजबूत योजना है। ईरानी विदेश मंत्री की यह यात्रा भारत को ईरान का रूख बताने के लिए हुई है। ईरान ने व्यापक संयुक्त कार्रवाई योजना तथा द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की। ईरान तेल आपूर्ति के मुद्दे पर रूस, चीन, तुर्कमेनिस्तान और इराक के साथ भी बात कर चुका है। मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने चाबाहार बंदरगाह परियोजना पर चर्चा की और उससे संबंधित अनुबंध के क्रियान्यवयन पर संतोष व्यक्त किया। दोनों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया और भविष्य की स्थिति के संबंध में तालमेल बनाये रखने पर जोर दिया।
मंगलवार, 14 मई 2019
ईरान से तेल आयात पर चुनाव के बाद निर्णय लेगा भारत
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