प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से अपील करती हूँ कि वो इस मुद्दे पर अपनी नजर डालें।
नयी दिल्ली। हां, जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारियों और उनके परिवार पर बहुत बड़ा संकट आ गया है। इमरजेंसी फंडिंग ही हमारी सबसे बड़ी उम्मीद थी पर वो भी टूट चुकी है। यह कहना है संजना सिंह नामक प्रभावित परिवार की बेटी का। वह कहती हैं कि सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाती हूँ। जितनी जल्दी हो सके जेट एयरवेज को बचाया जाए। नहीं तो हर रोज एयरलाइन को करोड़ों का नुकसान होगा और इसका बचना और मुश्किल होता जाएगा। मैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से अपील करती हूँ कि वो इस मुद्दे पर अपनी नजर डालें। मैं जेट एयरवेज के एक कर्मचारी की बेटी हूँ। मेरे पिताजी ने 20 सालों तक जेट एयरवेज में काम किया पर अब वो नौकरी खो देंगे। इससे हमारे परिवार पर बहुत बड़ा संकट आ जाएगा। हमने अपने लिए जो भी सपने सजाए थे, सब टूटकर बिखर जाएंगे। यहाँ तक कि मुझे लगता है कि मैं अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाउंगी। जेट एयरवेज का बचना हमारे लिए बहुत जरूरी है। हम भी इस देश के नागरिक हैं और ईमानदारी से अपना टैक्स भरते हैं और हमने देश के विकास में योगदान भी दिया है। इसलिए माननीय प्रधानमंत्री जी से मदद मांगना हमारा अधिकार है। 17 अप्रैल की वो शाम मैं कभी नहीं भूलूंगी। उसी शाम जेट एयरवेज के भविष्य का फैसला हुआ था और शायद हमारे भविष्य का भी।उस दिन मेरे पिताजी ने अपनी नौकरी खोई थी। वो पिछले 20 साल से जेट एयरवेज में काम करते थे।जेट एयरवेज का आर्थिक संकट अखबारों की हेडलाइन बना हुआ है। कर्मचारियों की सैलरी ना मिलना, मेडिकल पॉलिसी का प्रीमियम भरने के लिए भी पैसे का ना होना, मुसीबतों की लिस्ट लंबी है। मेरा परिवार आर्थिक रूप से जेट एयरवेज पर पूरी तरह निर्भर था, इसी से हमारा गुजारा होता था। मैं हर गुजरते दिन के साथ एक चमत्कार की उम्मीद करती थी कि जेट एयरवेज को बचा लिया जाए। ।सवा, पर वो सारी उम्मीदें टूटकर बिखर गई हैं।मेरा दिल इस बात से भर आया कि जेट एयरवेज के ही कुछ कर्मचारी अब इसे खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। इस एयरलाइन के साथ मेरे जैसे ना जाने कितने परिवारों का भविष्य जुड़ा हुआ है। जेट एयरवेज का बचना जरूरी है। मैंने बहुत सारे सपने देखे थे और मैं इनको टूटने नहीं दूँगी। मैं चाहती हूँ कि मेरे पिताजी और जेट के सभी कर्मचारियों को उनकी नौैकरी वापस मिले।मैं इस लड़ाई में हार नहीं मानूँगी।कृपया मेरी पेटीशन पर आज ही हस्ताक्षर करें ताकि हमारी आवाज सरकार तक पहुँचे। हम मिलकर हजारों परिवार के सपनों को बचा सकते हैं।
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