पटना, 30 मई। जहां पर ईसाई समुदाय रहते हैं वहां पर चर्च है। उस चर्च की देखरेख और धार्मिक कार्य संपादित करने के लिए पुरोहित रहते हैं। वही पुरोहित ईसाई समुदाय के कल्याण और विकास के साथ धार्मिक कार्य के प्रति जिम्मेवार रहते हैं। उनके हिस्से निश्चित सीमा भी है। उसे पैरिश यानी पल्ली कहते हैं। इस समय कुर्जी पल्ली में कार्यकारी प्रधान पल्ली पुरोहित फादर सुसई राज हैं। इसी पुरोहित पर निर्भर है पल्ली के विकास। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुर्जी पल्ली के परिसर में मां मरियम का ग्रोटो है। यहां पर आवाजाही करने वाले मां मरिमय के प्रति नस्तमस्तक हो जाते हैं। उसमें हर उम्र के श्रद्धालु शामिल हैं। खैर, कुर्जी पल्ली के युवाओं ने ठाना कि मां मरियम के ग्रोटो को नयना विराम बनाया जाए। उस समय के पल्ली पुरोहित फादर जोनसन केतकर से अनुमति लेने गए। तो फादर जोनसन केतकर ने हाथ खड़ा कर दिए कि हम पल्ली की ओर से राशि देने में अक्षम है। मगर इस कृत्य में पूर्ण सहयोग करेंगे। बताते चले कि कुर्जी पल्ली के प्रधान पुरोहित फादर जोनसन केतकर की ओर से राशि नहीं मिलने से कुर्जी पल्ली के यूथ निराश नहीं हुए। बल्कि पूर्ण तन्मयता से ग्रोटो के सौंदर्यीकरण करने में जुट गए। मोटी रकम व्यय करके यूथ ने इस ग्रोटो में पानी का बहावकर झरना का रूप दें। छोटा तालाब भी बना दिए।तालाब में लगा फब्बारा चालू हो गया। आकर्षक दिखने वाले इस फब्बारा को देखने लोग आने लगे। विशेष अवसरों पर पानी का फब्बारा शुरू होने लगा। वहीं रंग-बिरंगी मछली और कछुआ भी डाले। ऐसा काम करने से युवावर्ग खूब ताली लुटे। ग्रोटो सेल्फी पाॅईंट बन गया। पल्ली पुरोहित बदल गए और सौंदर्यीकरण का स्वरूप भी बदल गया। अब इस बोलती तस्वीर को देखकर खूद ही अनुमान लगा लीजिए! बताया जाता है कि पल्ली पुरोहित फादर जोनसन के स्थानान्तरण होने के बाद फादर रेमंड केरोबिन पल्ली पुरोहित बने। फादर रेमंड ने भी यूथ को कब्जा में करने का प्रयास किये। उनको मालूम था कि यूथ का सहयोग लेना जरूरी है। जो फादर जोनसन के समय में पल्ली परिषद का गठन किया गया था। पल्ली परिषद के पार्षद खूब लम्बा-चैड़ा हांकने में महारत हासिल कर लिए थे। मगर कार्यों को धरातल पर नहीं ला सक रहे थे। उनको भी यूथ की जरूरत पड़ने लगी। अपने स्तर से पल्ली पुरोहित और पल्ली परिषद ने कार्यक्रम आयोजित किए तो उक्त कार्यक्रम में यूथ ने असहयोग कर दिए। यूथ के द्वारा प्रारंभ में किए गए कार्यों से फादर रेमंड प्रभावित हुए थे। यूथ का कार्य ग्राउंड लेबल पर देखा। तब फादर रेमंड ने यूथ को नयी दिशा देने पर कार्य करने लगे। यूथ को आर्थिक उत्थान से जोड़ने का प्रयास करने लगे। अव्वल मत्स्य पालन और मशरूम की खेती करने का विचार करने लगे।इसी बीच एक अप्रत्याशित हादसा ने फादर रेमंड को हिलाकर रख दिया। येसु समाज के प्रोविंशियल ने कुर्जी पल्ली से हटाकर अन्यत्र स्थानान्तरण कर दिया। इससे सीधे यूथ लोगों को जोरदार झटका लग गया। कुर्जी पल्ली के विकास कार्य में यूथ असहयोग करने लगे। स्वच्छता अभियान ठप पड़ गया है। तालाब में काई लग गया है। पानी का रंग हरा हो गया है।
शुक्रवार, 31 मई 2019
बिहार : कुर्जी पल्ली के यूथ करने लगे हैं असहयोग
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें