पूर्णिया : किसी भी संस्थान में कुशल व अकुशल मजदूरों के अथक प्रयास से होता है विकास : प्राचार्य - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 2 मई 2019

पूर्णिया : किसी भी संस्थान में कुशल व अकुशल मजदूरों के अथक प्रयास से होता है विकास : प्राचार्य

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता)  : भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विश्व मजदूर दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य डाॅ पारसनाथ ने की। विश्व मजदूर दिवस के आयोजन का मुख्य उद्धेश्य किसी भी संस्थान में एवं अन्य स्थानों पर कार्यरत मजदूरांे पर विशेष ध्यान दिया जाना है। प्राचार्य ने अपने संबोधन में छात्र/छात्राओं को बताया कि सबसे पहले मजदूर दिवस की शुरुआत 01 मई 1886 को अमेरिका में हुई। जिसे आज विश्व में करीब 100 से अधिक देशों में 01 मई को विश्व मजदूर दिवस के रुप में मनाया जाता है। भारत में मजदूर दिवस का आयोजन सबसे पहले चेन्नई में 01 मई 1923 को कामगार दिवस के रूप में मनाया जाना शुरू किया गया था। वर्ष 1923 से भारत में प्रत्येक वर्ष 01 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। प्राचार्य ने महाविद्यालय के सभी कर्मचारियों को बताया कि किसी भी संस्थान में कुशल एवं अकुशल दो प्रकार के मजदूर कार्य करते है। जिनके अथक प्रयास से संस्थान विकास के पथ पर अग्रसर होता है। कहा कि महाविद्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारी, वैज्ञानिक, कुशल एवं अकुशल श्रमिक सभी मजदूर की ही श्रेणी में आते हैं। हम सभी इस दिवस विशेष पर शपथ लें कि महाविद्यालय के कार्यों को निर्धारित कार्यालय के समय में ही मिल जुलकर पूरा करेंगे। प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय में कार्यरत दैनिक मौसमी श्रमिकों को उनके कार्यों का मूल्यांकन कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर महाविद्यालय के डाॅ जेएन श्रीवास्तव, एसपी सिन्हा, डाॅ मिथिलेश कुमार, डाॅ अनिल कुमार, डाॅ रवि केसरी, डाॅ माचा उदय कुमार, जयप्रकाश प्रसाद एवं कर्मचारियों आदि ने अपना सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन अंकित आनंद तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ जेएन श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

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