मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) आज दिनांक 13 मई को मिथिला स्टूडेंट यूनियन महिला इकाई द्वारा मधुबनी स्थित भवन में माता सीता के अवतरण दिवस (जानकी नवमी) के अवसर पर "मिथिला के औधोगिक व आर्थिक परिपेक्ष्य में मैथलानि के सहभागिता आ सम्मान समारोह"पर व्याख्यानमाला सपना कुमारी व श्रुति सिंह के नेतृत्व में सफल आयोजन हुआ । जिसमें विशिष्ट मुख्य अतिथि:- पद्मश्री गोदावरी दत्त देवी, पद्मश्री बउआ देवी,स्टेट अवार्ड श्रीमती दुलारी देवी, अनुपम झा राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष एमएसयू , श्रीमती नीतू झा अतिथि संगीत ठाकुर, राज्यश्री किरण,पूजा यादव,मधुश्री सिंहा की गरिमामयी उपस्थिति रही । कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ माता जानकी के प्रतिमा पर माल्यार्पण , दीप जलाकर एवं गोसाउनिक गीत के साथ हुआ । व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए श्रीमती .पद्मश्री गोदावरी दत्त देवी ने कहा कि : मिथिला की वर्तमान हालात चिंतनशील है , मिथिला स्टूडेंट यूनियन आशा की किरण बन उभर रही है । जरूरत है इस आंदोलन की भागीदारी में हरेक वर्ग के लोगों की भागीदारी की. क्योंकि अधिकार हेतु हम सबों को मजबूत रुप से संगठित होकर संघर्ष को और तेज करना होगा । माता सीता से प्रेरणा लेते हुए नारियों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना होगा । मिथिला में महिलाओं को शिक्षा तथा सोच से हर तरह से अपने-आप को सशक्त करने का समय आ गया है। महिलाओं को मानसिक रूप से मजबूत होकर खुद को अपने-आप को प्रस्तुत कर हर जगह शिखर पर स्थापित करना होगा, परिवर्तन लाना जरूरी हैं क्योंकि नारी शक्ति को मुख्य धारा से जोड़े बिना विकास सम्भव नही है, इसलिए हर महिला को खुद से अपने घर से शुरुआत करनी होगी खुद को सशक्त बनाने की और अपने आस-पास की महिलाओं को भी जागरूक करना होगा
वहीं पद्मश्री बउआ देवी ने संबोधित करते हुए कहा कि औद्योगिक व आर्थिक क्षेत्र में योगदान हेतु सर्वप्रथम हम सबों को शशक्त होकर जागरूक होना पड़ेगा । जागरूकता का माध्यम जो भी हो लेकिन खुद को सशक्त बनाने हेतु जागरूकता जरूर लाएं, साथ ही अपने अंदर निर्णय लेने की, नेतृत्व करने की क्षमता पैदा करें, साहसी बने, दृण निश्चयी बने, आत्म विश्वाशी बनें, क्योंकि नारी सशक्त होगी तभी हम देश और समाज के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना कर सकते हैं, एक सशक्त नारी के कन्धों पर ही संतुलित, स्वस्थ, विकसित समाज की नींव रख सकतें हैं। यूनियन के राष्ट्रीय महिला प्रभारी अनुपम झा कहा कि : माता सीता की धरती गौरावशाली इतिहास से जुड़ा रहा है , लेकिन उस धरोहर को राजनीतिक कुचक्र करके उसे समाप्त करने का षड्यंत्र जारी है ।अब जरूरत है हम सबों को आगे आकर मिथिला के ऐतिहासिक धरोहर पर कुदृष्टि डालने वाले शासक के विरोध का , ताकि हम मिथिला विकास बोर्ड की मांग मजबूत कर सके । मंच संचालन श्वेता झा ने किया । इस कार्यक्रम में उपस्थित में पूजा झा, रिम्मी कुमारी, नंदनी कुमारी,पूजा यादव सैकडों की संख्या में सदस्य/सदस्या उपस्थित थी ।
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