सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 29 जून - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 29 जून 2019

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 29 जून

जिले में अब तक 56.1 मि.मी. औसत वर्षा

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जिले में आज 29 जून,2019 की प्रात: 8 बजे समाप्त पिछले चौबीस घन्टों में 15.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। इसे मिलाकर 1 जून से अभी तक जिले में 56.1 मि.मी औसत बारिश रिकार्ड की जा चुकी है जबकि गत वर्ष इस अवधि में 219.7 मिलीमीटर औसत वर्षा आंकी गई थी। अधीक्षक, भू अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार पिछले चौबीस घन्टों में सीहोर में 28.4, श्यामपुर में 3, आष्टा में 25, इछावर में 21, नसरूल्लागंज में 1, बुधनी में 39 तथा रेहटी में 3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक जिले में अभी तक सीहोर में 87.9, श्यामपुर में 24, आष्टा में 78, जावर में 13, इछावर में 73, नसरूल्लागंज में 532, बुधनी में 77 तथा रेहटी में 43 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। इस अवधि में गत वर्ष सीहोर में 375.2, श्यामपुर में 228, आष्टा में 151, जावर में 210, इछावर में 249, नसरूल्लागंज में 132, बुधनी में 172 तथा रेहटी में 240 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई थी।

अस्पतालों में आंतरिक मरीजों के भोजन व्यय में वृद्धि

राज्य शासन द्वारा चिकित्सा/दंत महाविद्यालय तथा चिकित्सालयों के आंतरिक रोगियों के लिये निर्धारित भोजन व्यय में 4 रुपये प्रतिदिन की वृद्धि की गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार भोजन व्यय 44 रुपये से बढ़ाकर 48 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है।  स्वीकृत आहार में चावल, दलिया, आटा 400 ग्राम, दाल 85 ग्राम, हरी सब्जी 114 ग्राम, सलाद, सब्जी मसाला एवं फल 85 ग्राम, दूध 241 ग्राम, शक्कर, गुड़ और घी, तेल 57 ग्राम हैं।

प्रायवेट स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण के ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि आज

शिक्षा का अधिकार कानून के तहत संचालित प्रायवेट स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण के लिए ऑनलाईन आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून 2019 निर्धारित है। राज्य शिक्षा केन्द्र के प्रस्ताव पर एनआईसी द्वारा www.educationportal.mp.gov.in/rte पर निजी विद्यालयों के लिए यह सुविधा प्रारंभ की गई है। संबंधित बीआरसीसी के द्वारा आवेदन तिथि के 15 दिन में स्कूलों का भौतिक सत्यापन किया जाकर ऑनलाईन निरीक्षण रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित की जायेगी। जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्राप्त मान्यता आवेदनों का 30 दिन में निराकरण किया जायेगा।

केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय की प्रशिक्षण सह अनुदान योजना

कृषि विषय से शिक्षा प्राप्त युवाओं हेतु केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा नाबार्ड की सहभागिता से 2 माह की अवधि के प्रशिक्षण सह अनुदान कार्यक्रम सेडमैप भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। साक्षत्कार के माध्यम से चयनित आवेदकों को राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) द्वारा दो माह का निःषुल्क रहवासीय प्रषिक्षण दिया जायेगा। निर्धारित प्रशिक्षण पश्चात योजनांतर्गत अधिकतम 20 लाख रूपये ऋण की सुविधा तथा नाबार्ड पुनर्वित्तपोषण के माध्यम से अजा/अजजा को 44 प्रतिशत तथा अन्य वर्गों को 36 प्रतिषत अनुदान की पात्रता रहेगी। कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पादन, एग्री क्लीनिक, कस्टम हायरिंग, पाली हाउस, पशुपालन, पोल्ट्री इत्यादि क्षेत्र में व्यवसाय स्थापना या स्टार्ट अप में रूचि रखने वाले एग्रीकल्चर विषय से हायर सेकेन्डरी अथवा बी.एस.सी/एम.एस.सी उत्तीर्ण युवा इस कार्यक्रम में आवेदन हेतु पात्र हैं। नये दिषानिर्देशानुसार इस वर्ष से वनस्पति विज्ञान, प्राणिविज्ञान  तथा रसायन विज्ञान विषय से बी.एस.सी अथवा उच्च षिक्षित युवा भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 10 जुलाई है। अधिक जानकारी के लिए श्री शरद मिश्रा नोडल अधिकारी उद्यमिता विकास केन्द्र मध्यप्रदेश (सेडमैप) भोपाल से कार्यालयीन समय पर दूरभाष क्रमांक 0755-2575256 पर संपर्क कर सकते हैं। 

मक्का की फसल पर फॉल आर्मी वर्म कीट के प्रकोप की आशंका कृषि विभाग ने दी किसानों को सलाह

किसान कल्याण तथा कृषि विकास उप संचालक श्री अवनीश चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि मक्का की फसल पर फॉल आर्मी वर्म नामक नये कीट का हमला होने की आशंका जताई जा रही है। यह कीट टिड्डी की तरह पूरी फसल नष्ट करने की क्षमता रखता है। इस कीट का प्रकोप प्रदेश के कई हिस्सों में देखा गया है। यह कीटी एक दिन में 100 किमी तक की उड़ान कर लेता है।   कीट की पहचान- छोटी से तीसरी अवस्था तक इसके लार्वा को पहचानना मुश्किल है, लेकिन जैसे-जैसे बड़ा होता है इसके सिर पर उल्टे Y आकार का निशान दिखाई देता है। साथ ही लार्वा के 8 वे बाडी सेगमेंट पर 4 बिंदु वर्गाकार आकृति के देखे जा सकते हैं। छोटी लार्वा पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाती है, जिनसे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देते हैं। जैसे 2 लार्वा बड़ी होती। पौधों की ऊपरी पत्तियों को खा जाती है और लार्वा बड़ा होने के बाद मक्का के गाले में घुसकर पत्तियां खाती रहती हैं। पत्तियों पर बड़ी गोल-गोल एक ही कतार में नजर आते हैं। नियंत्रण- गर्मी की गहरी जुताई अवश्य करें, मक्के की मानसून एवं शुष्क बोनी सबसे ज्यादा लाभदायक है यह नहीं होने पर मानसून पश्चात तुरंत बोनी करें। संतुलित पौध संख्या एवं संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन करें इसके अतिरिक्त यूरिया इस कीटी को बढ़ाएगा। कीट का प्रकोप होने पर क्लोरेन्ट्रनिलिप्रोल 18.5 प्रतिशत SC का 60 ml/hectar की दर से मक्के की मध्य कुंडली अवस्था से पश्च कुंडली अवस्था पर छिड़काव कर सकते हैं। थायोमिथाक्सेम का 12.6 प्रतिशत +लेंबड़ा सायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत ZC का 60-80 ml/acre की दर से मक्के की मध्य कुडली अवस्था से पश्च कुंडली अवस्था पर छिड़काव कर सकते हैं। 

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