65 मूक-बधिर बच्चों का घर अगले कुछ दिनों में तोड़ दिया जाएगा। ऐसे मासूम बच्चे बोल नहीं सकते हैं, उनके पास आवाज़ नहीं है, केवल अभिनय करके पीड़ा का उजागर ही कर सकते हैं।एक पारखी तरह पूजा-नम्रता ने अभिनय रूपी पीड़ा को समझी हैं उन्होंने उन बच्चों के लिए आवाज़ उठानी की कोशिश कर रही है। दूसरों से भी हेल्प करने की मांग की है।
बेंगलुरू, 14 जुलाई। बेंगलुरू स्थित, टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर फॉर द डेफ(TTCD) नामक संस्थान में रहने 66 मूक-बधिर बच्चों का घर अगले कुछ दिनों में तोड़ दिया जाएगा। उन छात्रों के सिर से छत छिन जाएगी । बताते चले कि ऐसे मासूम बच्चे बोल नहीं सकते हैं, उनके पास आवाज़ नहीं है, केवल अभिनय करके पीड़ा का उजागर ही कर सकते हैं। एक पारखी तरह पूजा-नम्रता ने अभिनय रूपी पीड़ा को समझी हैं उन्होंने उन बच्चों के लिए आवाज़ उठानी की कोशिश कर रही है। दूसरों से भी हेल्प करने की मांग की है। मूक-बधिर बच्चों का घर तोड़ बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड जा रहा है एक मेट्रो स्टेशन बनाने
बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) एक मेट्रो स्टेशन बनाना चाहती
बेंगलुरू स्थित, टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर फॉर द डेफ(TTCD) को अन्यंत्र पुनरूस्थापित करके ही बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) की मेट्रो स्टेशन बना लें। हम स्टेशन का काम नहीं रोक रहे हैं, हम चाहते हैं कि बच्चों का जीवन ना रुके। इसलिए हमने ये पेटीशन शुरू की है ताकि TTCD के सभी 65 बच्चों का सुरक्षित पुनर्वास कराकर ही मेट्रो स्टेशन का काम आगे बढ़ाया जाए।
ऑन लाइन पेटीशन हस्ताक्षर
पूजा-नम्रता ने मिलकर ऑन लाइन पेटीशन पर हस्ताक्षर करवा रही हैं। इसे अधिक से अधिक शेयर करने का आग्रह कर रही हैं ताकि BMRCL और कर्नाटक के विकलांग व्यक्तियों का आयुक्त कार्यालय TTCD के छात्रों का पुनर्वास कराए। कहा गया कि अगर ये सेंटर नहीं होगा तो ये बच्चे सड़क पर आ जाएंगे। अगर दिनभर की थकान के बाद आप अपने घर लौटें और उसे टूटा हुआ पाएं तो आपको कैसा लगेगा? ये सेंटर ज़मीन का एक टुकड़ा नहीं है, ये उन बच्चों का एकमात्र घर है, उनका एकमात्र सहारा है।जो बोल नहीं सकते, उनकी खातिर बोलने के लिए आपका बहुत आभार व्यक्त कर रही हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें