संवैधानिक अधिकार की अनदेखी कर नक्सल करार कर पुलिस भेज सकती है जेल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 29 जुलाई 2019

संवैधानिक अधिकार की अनदेखी कर नक्सल करार कर पुलिस भेज सकती है जेल

सावधान हो जाइए आप अर्बन नक्सल/ रूरल नक्सल के जद में आ सकते हैं और सरकार की नजर में देशद्रोही हैं। आप को किसी भी वक्त कोई अदना सा दरोगा पकड़कर छह महीने के लिए हवालात में कूटेगा फिर आजीवन जेल भेज देगा ।
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पटना, 29 जुलाई। अगर आप रूरल ऐरिया में रहते हैं तो आप रूरल  नक्सल और यदि आपअर्बन में रहते हैं तो अर्बन नक्सल कहलाएंगे। एनडीए सरकार नक्सल ने कानून बना रखी है। पुलिस को भरपूर अधिकार दिया गया है वह नागरिकता का संवैधानिक अधिकार को अनदेखी कर अर्बन/रूरल नक्सल  करार करके जेल भेज सकती है। बाद में न्यायालय के विद्वान अधिवक्ता गिरफ्तारी को जायज या नाजायज घोषित करते रहेंगे। रूरल ऐरिया में रहने वाले असमानता के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार के द्वारा घोषित योजनाओं को बेहतर ढंग से क्रियान्वयन कर लागू करवाना चाहते हैं। ऐसे लोग उसकी लड़ाई को सड़क से संसद तक पहुंचाने का सामूहिक प्रयास करते हैं.ऐसा कर भारत और इंडिया के फर्क को कम करना चाहते हैं। तो सरकार के द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी कानून, भूमि अधिकार कानून,वनाधिकार 2006 कानून, बिहार भूमि सुधार आयोग के अध्यक्ष देवव्रत बंदोपाध्याय की अनुशंसा  को लागू करने करने की मांग, वासभूमि अधिकार कानून बनाने की मांग, आवासीय भूमिहोनों को पांच डिसमिल देने की मांग, मुख्यमंत्री के सात निश्चय को लागू करने की मांग, सेवा के नाम पर मेवा खाने वालों पर रोक, नियमित वेतन राज्यकर्मियों को मिले आदि को लेकर लोग संघर्षरत हैं। ऐसे लोगों को साथ देने वाले वकील,पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक,कार्टूनिस्ट आदि अर्बन नक्सल घोषित कर दिए जाएंगे।

आप पढ़े लिखे हैं अपने अधिकार पहचानते हैं  सरकार का दायित्व जानते हैं और अपने अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैँ । आप बुद्धिमान हैं । तो देशभक्त बनना चाहिए। अगर आप देश की जनता को नारा बुलंद करवा रहे हैं कि जल ,जंगल ,जमीन वह हो जनता के अधीन को बंद करके सरकार और कार्पोरेट के अधीन करवाने का आह्वान करना होगा। अगर आप पुरानी पद्धति पर ही चलकर  इन समस्याओं पर लेकर लगातार सरकार पर सवाल खड़ा पैदा करते हैं तो आपकी खैर नहीं। अगर आप लिखते हैं तो आप जरूर ही इस देश के लोकतन्त्र को जी जान से प्यार करते हैं आप संवैधानिक अधिकारों के पक्ष में सरकारी दमन का विरोध करते हैं। मगर अब आप लोकतन्त्र नहीं सरकारी तन्त्र की प्रशंसा करते रहे। आप कलाकार है अपनी कला द्वारा देश की एकता अखण्डता समरसता गंगा जमुनी तहज़ीब को बचाने की कोशिश करते हैं। तो आप हिन्दू को देश की एकता अखण्ड रखने वाला ही साबित करें। अन्य को टुकड़ा-टुकड़ा करने वाले बताएं।  आप दलित,स्त्री,अल्पसंख्यक, आदिवासी और हर उस शोषित के पक्ष में हैं जिसका शोषण हो रहा है। इस समय बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह है।अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय की आवाज हैं। याजक और अयाजक लोगों की समस्याओं को दिन-रात एक करके समाधान करने में लगे रहते हैं।ऐसा करने से राजन विरोधी  पक्ष की आँखों का कांटा बनते जा रहे हैं। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि एनडीए की कानून राजन पर लागू करवा दिया जाएगा। आप पूँजीवाद के खिलाफ़ हैं आप निजीकरण के खिलाफ़ हैं आप सरकारी कर्मचारी हैं आप अपने वेतन , अपनी पेंशन और अपने हक के लिए लड़ना जानते हैं । आप अपनी वेतन में सहकर्मी के द्वारा सेंधमारी करने पर आवाज उठाते हैं तो आप पर आफत आ सकती है। तो आप सावधान हो जाइए आप अर्बन नक्सल/ रूरल नक्सल के जद में आ सकते हैं और सरकार की नजर में देशद्रोही हैं। आप को किसी भी वक्त कोई अदना सा दरोगा पकड़कर छह महीने के लिए हवालात में कूटेगा फिर आजीवन जेल भेज देगा ।

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