बिहार : बाढ़ की विभीषिका से निपटने में सरकार की तैयारी की पोल खुली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 16 जुलाई 2019

बिहार : बाढ़ की विभीषिका से निपटने में सरकार की तैयारी की पोल खुली

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पटना, 16 जुलाई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने उत्तर बिहार में आयी भीषण बाढ़ पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि बाढ़ की विभीषिका से निपटने की बिहार सरकार की मुकम्मिल तैयारी की पोल खुल गई है। बाढ़ पीड़ितों के लिए न नाव की पर्याप्त व्यवस्था है और न राहत सामग्री पहुँचाने की। बाढ़ की विभीषिका से जान-माल की भारी क्षति हुई है।  उन्होंने पार्टी के तमाम इकाइयों से बाढ़-पीड़ितों की मदद में जूट जाने का आह्वान किया।  राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि भीषण बाढ़ से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, षिवहर, मुजफ्फरपुर, अररिया, पूर्णियां, कटिहार, किषनगंज, सुपौल, पूर्वी चम्पारण, प॰ चम्पारण, गोपालगंज, सहरसा आदि जिलों के लाखों लोग, मवेषी, फसल बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। सैकड़ों गाँव पानी में डूब गये हैं। घरों के गिरने और झोपड़ियों के बाढ़ में बह जाने से भारी तबाही मची है। लगभग पच्चास लोगों की बाढ़ से मौत होने की खबर है। अनेक स्थानों पर बांधों के टूटने के कारण और तबाही मची हुई है। सड़कों का टूट जाने से यातायात बाधित हो गया है, गाँव, शहर का संपर्क टूट गया है। श्री सिंह ने कहा है कि बाढ़ से बचाव की मुकम्मिल तैयारी बाढ़ से टूट रहे बांधों की तरह ध्वस्त हो गई है। हर साल बाढ़ राहत, बचाव, तटबंधों की मरम्मती व निर्माण और पुनर्वास पर अरबों रूपये बहाये जाते है। फिर भी प्रतिवर्ष बाढ़ आकर मुंह चिढ़ा जाती है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह प्रेस बयान जारी कर मांग की है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में पर्याप्त संख्या में नाव, राहत सामग्री दवा आदि का इंतजाम फौरी तौर पर किया जाय। बाढ़ में फंसे लोगों  मवेषियों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया जाय। राहत षिविरों में भोजन, पानी, दवा बच्चों के लिए दूध समेत अन्य आवष्यक वस्तुओं की आपूत्र्ति सुनिष्चित की जाय। मृतकों को दस-दस लाख रूपये मुआवजा दिया जाय। बर्बाद फसलों और मृत मवेषियों का क्षतिपूत्र्ति दिया जाय। क्षतिग्रस्त सड़कों का मरम्मति व जिर्णोंद्धार कराकर यातयात को षीघ्र चालू किया जाय। 

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