बेतिया,02 जुलाई। किशोरी स्वास्थ्य योजना के तहत पांच दिवसीय मेंस्टुअल हाइजीन मैनेजमेंट का गैर आवासीय प्रशिक्षण शिविर मंगलवार को समाप्त हो गया। किशोरी स्वास्थ्य योजना इसके पूर्व पांच दिवसीय शिविर का प्रारंभ गैर आवासीय प्रशिक्षण डायट कुमारबाग में किया गया था। इस प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन डायट के प्राचार्य डॉ० अवधेश कुमार मिश्र व प्रशिक्षण प्रभारी समग्र शिक्षा, जिला समन्वयक रविन्द्र किशोर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया था। प्रशिक्षण के समापन पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए अवधेश कुमार मिश्र ने कहा मेंस्ट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट पर आयोजित प्रशिक्षण रहा।प्रशिक्षु किशोरियों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या और समाधान पर चर्चा की गयी। अधिकांशतः माहवारी विषय पर पुरुष के द्वारा चर्चा करना तो दूर की बात है, महिला भी बात नहीं करती है। इस प्रशिक्षण में माहवारी, किशोरियों से सम्बंधित बातों पर विस्तार से चर्चा की गयी। प्रशिक्षण प्रभारी रविन्द्र किशोर ने बताया यह प्रशिक्षण यूनिसेफ और समग्र शिक्षा के सहयोग से आयोजित था, जो पांच दिन चला.गैर आवासीय रहा। उन्होंने कहा कि दो चरणों में चार बैच में संचालित इस प्रशिक्षण में प्रत्येक बैच में 40-40 प्रतिभागियों सहित जिले के सभी उच्च माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय की एक- एक महिला शिक्षिका भाग ली। प्रशिक्षण को चार महिला स्टेट मास्टर ट्रेनरों के द्वारा दिया गया ।
मौके पर डायट कुमारबाग में प्रशिक्षण प्रशिक्षिका मेरी एडलीन ने दी। मेरी एडलीन ने बताया किशोरी योजना के तहत आयोजित यह प्रशिक्षण किशोरी बच्चियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ। पहेली की सहेली के माध्यम से किशोरियों के शारिरिक विकास, बदलाव एवं माहवारी विषय पर शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित किया गया। यूनिसेफ के सौजन्य से आयोजित इस प्रशिक्षण में उपस्थित सभी महिला शिक्षिकाओं को मेंस्ट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट के बारे में विस्तार से बताया गया। ताकि वे अपने- अपने विद्यालय की बच्चियों को स्वास्थ्य के प्रति सजग- जागरूक कर सके। मेरी एडलीन ने कहा आज भी समाज मे माहवारी विषय पर किशोरी लड़कियां, माँ या कोई भी महिला चुप्पी साध लेती है, झिझक और शर्म के कारण खुलकर बात नहीं करती। यहां तक की इस विषय पर कई प्रकार की भ्रांतियां पाल लेती है। अज्ञानतावश समाज में कई महिलाएं माहवारी को बीमारी, अभिशाप मान लेती है। इन सारी भ्रांतियों को तोड़ने और विद्यालय की किशोरी बच्चियों को विशेष रूप से माहवारी के दौरान साफ- सफाई रखने, पौष्टिक आहार लेने आदि की जानकारी प्रशिक्षण में दिया गया। प्रशिक्षिका शमीम आरा ने बताया माहवारी के दौरान खून की कमी, कमजोरी, एनिमिक होने पर किस तरह की आहार लेनी चाहिये। भोजन में अंकुरित अनाज, हरी सब्जी, फल आदि लेने से खून की कमी दूर होती है। विद्यालय स्तर पर एनीमिया दूर करने की टैबलेट भी वितरित किया जाता है। मेरी एडलीन ने बताया पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान पॉवर पॉइंट के माध्यम से, वीडियो के माध्यम से, मॉक सेशन के माध्यम से मेंस्ट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट की बारीकियों को समझाया गया। प्रशिक्षणोपरांत सभी प्रशिक्षु शिक्षिका अपने- अपने विद्यालय की नॉडल प्रशिक्षिका बनकर किशोरी बच्चियों को प्रशिक्षित करेंगी। प्रशिक्षण में सिकटा, मझौलिया नरकटियागंज, गौनाहा, योगापट्टी, लौरिया और रामनगर की शिक्षिका भाग ली।
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