पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : एक ओर जहां हमारे माननीय विधानसभा के मानसून सत्र में विकास कार्यों की दरिया बहा रहे हैं वहीं दूसरी ओर मानसून के पहले सत्र (पहली बारिश) में ही शहर की सड़कें लबालब हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि मानसून की दूसरी बारिश के बाद जब सौरा उफनने लगेगी तो शहरी क्षेत्र की सड़कें भी डूबेगी। इसका नजारा शहरवासी वर्ष 2017 की बाढ़ में देख चुके हैं। इसके बाद भी नगर निगम प्रशासन नहीं जागा। नतीजा सामने है और सभी 46 वार्ड के लोग जलजमाव से जूझ रहे हैं। कहीं नाला नहीं बना तो कहीं पूरा बनाना ही निगम प्रशासन भूल गया। शहर के हालात कुछ ऐसे हैं कि अब तो पैदल चलना भी दूभर हो गया है। खासकर उन जगहों पर जहां सड़क व नाले का निर्माण पिछले दो माह से कछुआ गति से चल रहा है। हालांकि मेयर सविता देवी का कहना है कि पूरे शहर में सड़क व नाले की स्थिति में सुधार लाया जा रहा है। अविश्वास प्रस्ताव के बाद लोकसभा चुनाव की तिथि घोषित हो जाने के कारण कई विकास कार्य बाधित रहे। लेकिन इसके बाद भी 124 सड़क व नाले का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसे एकाध माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। सभी ठेकेदारों को कार्य में गुणवत्ता का ख्याल रखने की नसीहत भी दी गई है। साथ ही चार जेई को निगरानी दल में शामिल किया गया है जो हो रहे विकास कार्य पर नजर रखंेगे।
ये तस्वीर मधुबनी बाजार स्थित बड़ी मस्जिद के पास सड़क पर जलजमाव की है। इस सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन पिछले डेढ़ माह से ठेकेदार के द्वारा सिर्फ बेडमिसाइल बिछाकर यूं ही छोड़ दिए जाने का ही परिणाम है कि इस इलाके के लोग सड़क पर पैदल भी नहीं चल पा रहे हैं। बता दें कि सड़क निर्माण को ले तीन फीट गड्ढ़ा किए जाने के बाद से ही लोगों का आवागमन इस राह से बंद था।
...नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह से सीधी बात :
सवाल : प्रतिवर्ष बरसाती दिनों शहरी क्षेत्र की यही स्थिति रहती है क्या पहले से कार्ययोजना तैयार नहीं थी?
जवाब : बरसात के मद्देनजर सभी नालों की उड़ाही का कार्य पिछले दो माह से चल रहा है। रूटीन कार्य के तौर पर मुख्य सफाई निरीक्षक नालों की सफाई करा रहे हैं।
सवाल : हालात तो सही नहीं हैं?
जवाब : कई जगहों पर नालों की उड़ाही का कार्य चल ही रहा है। जिस कारण थोड़ी परेशानी सामने आ रही है।
सवाल : जहां कहीं भी नाले उसे कनेक्ट करने की योजना क्यों नहीं बनाई गई?
जवाब : शहर के नालों को कनेक्ट करने की योजना बनी है। इसके लिए वुडको से बात चल रही है।
सवाल : प्लास्टिक बैन के बाद ठोस कचरे की मात्रा तो कम हुई है इसके बाद भी नालों में गंदगी है?
जवाब : बेशक प्लास्टिक बैन का असर दिख रहा है। ठोस कचरे की मात्रा कम हुई है। गली मोहल्ले के नालों की उड़ाही का कार्य भी किया जा रहा है।
सवाल : शहरी क्षेत्र की सफाई के लिए चार हिस्सों में बांटकर तीन एनजीओ को तैनात किए जाने की योजना थी, उसका क्या हुअा?
जवाब : पिछले दिनों टेंडर हुआ था लेकिन कागजी प्रक्रिया में कमी होने के कारण एनजीओ को कार्य नहीं दिया गया। इसकी सूचना विभाग को दी गई है। एकाध दिन के अंदर अखबार में इस संबंध में विज्ञापन प्रकाशित कराया जाएगा।
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