- - विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या विस्फोट कृषि के लिए चुनौती विषय पर कार्यक्रम का आयोजन
पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम का आयोजन भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ पारसनाथ ने की। इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य छात्र/छात्राओं को विश्व की बढ़ती हुई जनसंख्या व मानव के सामान्य जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव तथा कृषि क्षेत्र में चुनौतियों के प्रति जागरुक करना था। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या विस्फोट कृषि के लिए चुनौती विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य एवं अन्य वैज्ञानिकों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। प्राचार्य ने बताया कि जनसंख्या विस्फोट के कारण होने वाली समस्या पर चर्चा करने के लिए प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया जाता है। आने वाले समय में विश्व की आबादी की सभी आवश्यकता की पूर्ति किस प्रकार की जाए इसके लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद के द्वारा वर्ष 1989 में की गई थी। वर्तमान समय में विश्व की जनसंख्या 7 अरब से अधिक है। विश्व में बच्चा जनने के दौरान करीब 800 महिलाओं की प्रतिदिन मृत्यु हो जाती है। इस कार्यक्रम के जरिये परिवार नियोजन के महत्व, गरीबी, स्वास्थ्य, मानवाधिकार, गर्भनिरोधक दवाओं का प्रयोग, बालिका शिक्षा, बाल विवाह, यौन संबंधी बीमारियों पर चर्चा करना है। यदि विश्व की जनसंख्या को प्राकृतिक संसाधनों के सापेक्ष रखना है तो इस पृथ्वी से करीब 3,50,000 व्यक्तियों को प्रतिदिन हटाना होगा। विश्व की जनसंख्या का 1/8 भाग अभी भी भूखा है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2050 तक विश्व की जनसंख्या 9.2 अरब होने की संभावना है। वर्ष 2050 तक बढ़ती जनसंख्या के कारण अधिक भोजन की जरुरत होगी। इसके अलावे पानी, संसाधनों, उर्जा की आवश्यकता होगी। वर्ष 2050 में भारत की जनसंख्या 165 करोड़ होने की संभावना है। यदि आंकड़ों की बात करें तो भारत में प्रति मिनट 25 बच्चे पैदा हो रहे हैं। इस प्रकार वर्ष 2030 तक भारत विश्व का सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश होगा। राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाइ के सहायक प्रभारी डाॅ रवि केसरी ने बताया कि भारत में वर्ष 2011 के जनगणना के आंकड़ों के आधार पर प्रतिवर्ग किलोमीटर जन घनत्व के मामले में 1102 व्यक्तियों के साथ बिहार राज्य का भारत मेें प्रथम स्थान पर है। लिंगानुपात में 25 वें स्थान पर, साक्षरता दर 63.82 प्रतिशत के साथ 35 वें स्थान, जनसंख्या की दृष्टि से बिहार देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। एसपी सिन्हा ने बताया कि बिहार की कुल जनसंख्या में 35.5 प्रतिशत कृषि श्रमिक, 43.57 प्रतिशत कृषि, 2.38 प्रतिशत गृह उद्योग, 18.55 प्रतिशत अन्य क्षेत्र जैसे खनन, निर्माण कार्य, परिवहन, संचार आदि क्षेत्र के व्यवसाय पर निर्भर है। इस मौके पर महाविद्यालय के अन्य वैज्ञानिक डाॅ जेएन श्रीवास्तव, जे प्रसाद, एसपी सिन्हा, डाॅ तपन गोराई, डाॅ रवि केसरी समेत कई अन्य मौजूद थे।
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