झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 24 अगस्त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 24 अगस्त 2019

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 24 अगस्त

जब भाव होता है, तब ना आव होता है और ना ताव होता है -ः अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा
हमे अपने लिए नहीं अपितु अपनों के लिए जीना चाहिए -ः नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा
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झाबुआ। जैन तीर्थ श्री ऋषभदेव बावन जिनालय स्थित पोषध शाला भवन में 23 अगस्त, शुक्रवार को सुबह धर्मसभा को संबोधित करते हुए राजस्थान केसरी अष्ट प्रभावक आचार्य देवेष श्रीमद् विजय नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा ‘नवल’ ने कहा कि पुरूषार्थ में संदेह होने पर जीवन में संदेष प्राप्त नहीं होता। आत्मस्थ व्यक्ति स्वस्थ होकर शुभ अध्यवसाय में मन को जोड़ेगा, तो उसे परमात्मा तत्व की भक्ति से आत्मिक भव प्राप्त होगा। परिश्रम नहीं सहजता से बनाया गया है भक्तामर स्त्रोत, इसलिए इस स्त्रोत में महिमा है, दान है, सहजता है। आचार्य श्रीजी ने आगे कहा कि जैसे आनंदघनजी ने पालीताणा की गिरीराज पर चैबीसी बनाई। आंतरिक आनंद पाने के लिए धुन के पक्के बनकर भक्ति की, इसलिए आत्मानंदी बने, परमानंदी भी बने। चैत्यवंदन भाव पूजा कहलाती है। परमात्मा की आंखे निर्विकार है। सद्विचार से मन भर जाता है, तब प्रज्ञा बुद्धि शुद्ध हो जाते है। शुभ क्रिया में चढ़ते परिणाम होना चाहिए। जो प्रभु में खोता है, वह सब कुछ पा लेता है।

मनुष्य को धर्म, तप में लीन रहना चाहिए
नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा ने कहा कि मनुष्य को धर्म में, तप में, सामायिक में, पूजा में अधिक से अधिक लोभ करना चाहिए। दरबार में आकर घरबार को जो भूलेगा, वह सब कुछ पाएगा। जब भाव होता है, तब ना आव होता है औैर ना ताव होता है। जैसे रावण ने तीर्थंकर नाम कर्म की भक्ति के रूप में अष्टाप्रद पर्वत पर भक्ति की। आनंदघनजी ने संकल्प लिया और भाव धारा जुड़ गई।

दादा गुरूदेव की चैवीसी में भक्ति योग, ज्ञान योग एवं द्रव्य योग है
अष्ट प्रभावक ने बताया कि किर्तन, श्रवण, मनन, निधि, ध्यान, आसन, यह सब भक्ति से प्राप्त होते है। आनंदघनजी में भक्ति योग है, यषो विजयजी की चैबीसी में ज्ञान योग है एवं देवचंद्रजी में द्रव्य योग है। उसी प्रकार 20वीं शताब्दी के महानायक श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी मसा की चैैबीसी में यह तीनों है। पूर्व में हम पूछते थे, सैलेरी कितनी है, छुपाते थे, बाद में ज्वेलरी छुपाते है और अब लोग अपने मोबाईल की गैलेरी छुपाते है।

अपनों के लिए जीना सीखे
गुरूदेव ने समाजजनों से कहा कि जिदंगी में प्रभु बंदगी हो, ऐसी क्रियाकलाप करना चाहिए, ताकि सारी गंदगी दूर हो जाए। आचार्य श्रीजी ने सीख दी कि हमे अपने अपने लिए नहीं अपितु अपनों के लिए जीना चाहिए। अष्ट प्रभावक ने आगामी आरंभ हो रहे पर्यूषण महापर्व की बावन जिनालय में चल रहीं पूर्व तैयारियों को लेकर कहा कि तैयारी जब जीवन में हो जाती है, तब सब कुछ प्राप्त हो जाता है। धर्मसभा को प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ‘जलज’ ने भी संबोधित किया।

सभी तपस्वियों ने एकासने का लिया लाभ
धर्मसभा का संचालन श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास समिति के अध्यक्ष कमलेष कोठारी ने किया। बाद दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी मसा की आरती एवं पूजा का लाभ चातुर्मास समिति के वरिष्ठ एवं समाजरत्न सुभाषचन्द्र कोठारी परिवार ने लिया। 44 दिवसीय भक्तामर महातप के तपस्वियों के एकासने का लाभ अनिलकुमार, सुनिलकुमार राठौर परिवार ने लेते हुए दोपहर में सभी तपस्वियांे को एकासना करवाया। 

रेशम कृमिपालन के लिए ई-रेशम पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीयन की सुविधा
    
झाबुआ । ऐसे किसान जो निजी भूमि एक एकड क्षेत्र में शहतूत पौधरोपण एवं रेशम कृमिपालन कर ककून उत्पादन करना चाहते हैं, उनके लिए पारदर्शी प्रक्रिया के तहत ऑनलाईन पंजीयन की व्यवस्था ई-रेशम ीजजचरूध्ध्ूूूण्मतमेींउण्उच.हवअण्पद पर प्रारंभ की गई है। रेशम कृमिपालन में रूचि रखने वाले जिले के किसान ई-रेशम पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना से बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार
    
झाबुआ । अनुसूचित जाति वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियां को मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के तहत स्वरोजगार स्थापना के लिए बैंकों के माध्यम से 50 हजार रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत मध्यप्रदेश शासन द्वारा योजना लागत की स्वीकृत इकाई पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 15 हजार रूपए तक का अनुदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना का लाभ लेने के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के मध्य होना चाहिए तथा जिले का मूल निवासी होना चाहिए। इस योजना का लाभ लेने के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदक 5 सितम्बर तक ेबूमसंितमण्उचवदसपदमण्हवअ.पद पर आवेदन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त
    
झाबुआ । भारत सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हेतु नामांकन ऑनलाइन किए गए हैं। इनमें बाल शक्ति पुरस्कार के तहत नवीन अविष्कार, असाधारण शैक्षिक योग्यता कला, खेलकूद, सांस्कृतिक क्षेत्र, समाज सेवा, बहादुरी के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चे जिनकी आयु 31 अगस्त को 05 वर्ष से 18 वर्ष तक की हो, तो 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। बाल कल्याण पुरस्कार-ऐसे व्यक्ति, व्यक्तियों, संस्थाओं को प्रदान किया जाएगा। जिनने बाल कल्याण के क्षेत्र में असाधारण कार्य किया हो। दोनों ही पुरस्कारों में एक-एक लाख रूपए की राशि एवं एक मैडल प्रदान किया जाएगा। बाल शक्ति पुरस्कार विजेताओं को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया जाएगा। विस्तृत जानकारी ूूू-दबंण्ूबकण्दपबण्पद पर उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन और कौशल्या योजना के तहत निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा

झाबुआ । शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था द्वारा मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना के तहत शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में इलेक्ट्रीशियन असिस्टेंट, डाटा इंट्री ऑपरेटर तथा मेन्युअल मेटल आर्क वेल्डिंग का निःशुल्क प्रशिक्षण प्रारम्भ किया जा रहा है। उक्त योजना के अन्तर्गत जो छात्र-छात्राएं 8वी अथवा 10वी कक्षा उत्तीर्ण हैं वे अपनी अंकसूची, आधार कार्ड, मूल निवासी प्रमाण-पत्र और फोटो लेकर कार्यालयीन समय में उपस्थित होकर ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री कौशल्या योजना के अन्तर्गत सेल्फ एप्लाईड टेलर का प्रशिक्षण प्रारम्भ किया जा रहा है। जो छात्राएं उक्त योजना के अन्तर्गत निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहती हैं, वे महिला आईटीआई  में उपस्थित होकर प्रवेश प्राप्त कर सकती हैं।

वर्षा ऋतु में जलजनित मौसमी बीमारीयों की रोकथाम के उपाय
      
झाबुआ । वर्षा ऋतु में संक्रामक रोग जैसे हैजा, उल्टी-दस्त, पैचिस, खसरा, मलेरिया, पीलिया आदि बीमारियां उत्पन्न होने की संभावना रहती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डाॅ. बारिया ने बताया कि नदी, तालाब जैसे जल स्त्रोतों के पास जब लोग मल त्याग करते है तो मल में मौजूद रोगाणु पानी में मिल जाते है। जब लोग स्नान करते हैं, कपड़े धोते है या पशुओं को नहलाते है तो अनेक रोगाणु पानी में फैल सकते है। जब पीने के लिए या भोजन पकाने के लिए ऐसे प्रदूषित व गंदे जल का उपयोग किया जाता है, तो यह रोगाणु शरीर में प्रवेश कर कई प्रकार की बीमारियों से पीड़ित कर देते है, जिसके कारण दस्त, हेजा, टायफाइड, पीलिया, खूनी पैचिस, तथा कीड़े की बीमारी तथा आंव दस्त जैसी कई बीमारियां होती है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डाॅ. बारिया ने बताया कि वर्षा ऋतु में जल जनित रोगों से बचाव के लिए हमेशा शुद्ध जल का प्रयोग किया जाना चाहिए। हेण्डपम्प का पानी सबसे सुरक्षित साधनों में से एक है। पानी को हमेशा छानकर व उबालकर इस्तेमाल करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। कुंओं के पानी में नियमित ब्लीचिंग पाउडर डाला जाना चाहिए। साथ ही पीने के पानी को हमेशा साफ बर्तन में ही रखना चाहिए। पानी के बर्तन को प्रतिदिन साफ करें तथा पानी को दोहरे कपड़े से छानकर भरा जाना चाहिए। पानी निकालने के लिए लम्बे हेण्डिल वाले बर्तन का प्रयोग करें तथा पीने के पानी में हाथ न डाले। एक घड़े या मटकें में एक क्लोरीन गोली पीसकर डालना चाहिए। आधे घण्टे तक इसे ढ़ककर रखने के बाद ही पानी पीने के लिए उपयोग करना चाहिए। उल्टी-दस्त रोग होने पर ओ.आर.एस. पेकेट एक लीटर स्वच्छ व शुद्ध पानी को घोलकर रोगी को पिलाना शुरू कर देना चाहिए। मरीज को 24 घण्टे के अन्दर यह घोल अधिक से अधिक मात्रा में पिलाना चाहिए व 24 घण्टे के बाद बचा हुआ घोल फेककर दूसरे पेकेट का घोल बनाना चाहिए। दूध पीने वाले शिशु को माॅं का दूध पिलाना बंद नहीं करना चाहिए।

मीडिया एडवोकेसी 24 अगस्त को
     
झाबुआ । वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत 24 अगस्त 2019 को दोपहर 02 बजे से 03 बजे तक कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला झाबुआ के कक्ष में जिला स्तरीय मीडिया एडवोकेसी का आयोजन किया जा रहा है। 

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