पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) : नगर निगम क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों का जायजा लेने नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव जयप्रकाश मंडल अपने दो अभियंताओं के साथ अचानक पूर्णिया पहुंचे। बेहद गोपनीय तरीके से उन्होंने हो रहे विकास कार्यों का जहां जायजा लिया वहीं पूर्व में डस्टबिन की खरीदारी को ले की गई शिकायत पर भी उन्होंने पड़ताल की। हालांकि इस संबंध में न तो उन्होंने और न ही किसी निगम के पदाधिकारियों ने ही अपना मुंह खोला। लेकिन सूत्रों के हवाले से जो बातें सामने आ रही हैं उसमें विशेष सचिव मुख्य रूप से डस्टबिन खरीदारी को लेकर की गई शिकायत मामले के निष्पादन को लेकर ही पूर्णिया पहुंचे थे। क्योंकि डस्टबिन की जांच को ले बेहद गोपनीय तरीके से पदाधिकारी की गाड़ी से डस्टबिन को सर्किट हाऊस लाया गया। जहां किस तरह से जांच की गई इसका खुलासा तो नहीं हो सका लेकिन इतना तय है कि विशेष सचिव का आगमन डस्टबिन आपूर्ति व भुगतान में हुई गड़बड़ी को लेकर ही हुआ है। बता दें कि विशेष सचिव पूर्णिया के बाद सुपौल का रूख करेंगे लेकिन इससे पूर्व शहर में निर्माणाधीन जैविक खाद शेड, सड़क व नाला निर्माण के अलावे अन्य विकास कार्यों का भी जायजा लेंगे।
...सर्किट हाऊस में देर शाम तक चलती रही मीटिंग :
नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव के साथ नगर निगम के पदाधिकारियों की अहम मीटिंग देर शाम तक चलती रही। लेकिन इसके बाद भी कोई पदाधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने से परहेज करते रहे। हालांकि बेहद गुप्त तरीके से पदाधिकारी की गाड़ी की डिक्की से ही डस्टबिन को लोड कर जांच के लिए ले जाया जा रहा था। लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने से कतराते रहे। बता दें कि डस्टबिन खरीदारी में गड़बड़ी को ले 22 जून 2019 को डिप्टी मेयर विभा कुमारी के द्वारा प्रधान सचिव को पत्र लिखा गया था। जिसके बाद नगर निगम का माहौल काफी गरमा गया था। डिप्टी मेयर ने गुणवत्तायुक्त डस्टबिन की आपूर्ति निविदा के अनुरूप नहीं किए जाने की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा था कि शहर में 1100, 240, 20 व 10 लीटर की क्षमता वाले डस्टबिन की आपूर्ति की गई थी। जो कि निविदा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर सशक्त स्थाई समिति एवं बोर्ड बैठक में भी उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। डिप्टी मेयर ने कहा कि पूर्व में जो जांच सीपेट से कराई गई वह जांच निविदा की शर्तों के अनुसार आपूर्ति के समय ही देना था और 1100 लीटर डस्टबिन की जांच कराई गई वह तकनीकी विशेषज्ञों के द्वारा की जानी थी। लेकिन इसकी जांच नगर निगम की क्रय समिति के द्वारा ही की गई। जबकि डिप्टी मेयर के द्वारा बार बार जांच की मांग की गई थी कि यदि डस्टबिन आपूर्ति निविदा के अनुरूप नहीं है तो डस्टबिन वापस किया जाए। फिर भी जांच के नाम पर खानापूर्ति करते हुए बिना जांच के उसे मेयर व नगर आयुक्त के द्वारा भुगतान कर दिया गया। भुगतान के बाद आनन फानन में डस्टबिन बांटने की प्रक्रिया की गई।
...विभागीय कार्यों से पूर्णिया पहुंचे विशेष सचिव :
विभागीय कार्य से विशेष सचिव पूर्णिया पहुंचे हैं। उन्होंने हो रहे विकास कार्यों का जायजा लिया है। इसके अलावे आज बायो कम्पोस्टिंग प्लांट का भी जायजा लेंगे। : विजय कुमार सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम पूर्णिया।
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