बिहार : स्मार्ट सिटी के नाम पर हो रहा है शहरी गरीबों और शहर के नागरिकों के साथ अन्याय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 18 सितंबर 2019

बिहार : स्मार्ट सिटी के नाम पर हो रहा है शहरी गरीबों और शहर के नागरिकों के साथ अन्याय

सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर सरकार कठोर, विवेकहीन कार्य कर दादागिरी कर रही है- नारायण जी चौधरी स्मार्ट सिटी परियोजना का सबसे घातक परिणाम शहरी गरीबों पर पड़ रहा है स्मार्ट सिटी परियोजना से शहर एक बड़ी आबादी के आवास, रोजगार, शिक्षा और भविष्य पर संकट पैदा हो गया है- ग़ालिब 
all-india-people-forum-bihar
पटना, 18 सितंबर  (आर्यावर्त संवाददाता) पटना के आईएमए हॉल में ऑल इंडिया पीपल्स फोरम द्वारा जन सुनवाई का आयोजन किया गया. जन सुनवाई का विषय था, 'स्मार्ट सिटी बनाम समर्थ सिटी.' स्मार्ट सिटी के नाम पर पटना केे अदालतगंज तालाब, पटना के शहरी गरीब व फुटकर दुकानदारों पर हुुुए अत्याचार के खिलाफ इस जन सुनवााई का आयोजन किया गया.  जन सुनवाई में ज्यूरी के तौर पर डॉ मेहता नागेंद्र, प्रो संतोष कुमार, नारायण जी चौधरी, बसंत कुमार चौधरी, डॉ डेजी नारायण, किशोरी दास तथा डोरोथी फर्नांडिस उपस्थित रहे.  जन सुनवाई का संचालन ग़ालिब ने किया. कवि शिवलाल के गर्दनिबाद पर लिखी गई कविता से जन सुनवाई का आरम्भ हुआ.   जन सुनवाई का आरंभ करते हुए रणजीव ने कहा कि  सरकार विकास के नाम पर शहर तथा शहर के नागरिकों को विनाश की ओर धकेल रही है. अत्यंत चालाकी और उदासीनता का उदाहरण देते हुए इन डिजिटल इंडिया में सरकार की स्मार्ट सिटी की वेबसाइट खाली है तथा सरकार के द्वारा जनता के लिए कोई जानकारी नहीं उपलब्ध नहीं है. इस परियोजना में तालाबों को भरकर शहर के विकास का दंभ भरा जा रहा है. पटना के एकमात्र बचे अदालतगंज तालाब को स्मार्ट सिटी के नाम पर खत्म किया जा रहा है. इस तालाब को मनोरंजन का स्थान बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तालाब शहर के अंडरग्राउंड वाटर लेवल को मेंटेन करता है. परंतु तीन नदी के किनारे बसे इस शहर में तालाबों को खत्म किए जाने से पानी की दिक्कत शुरू हो रही है. सरकार शहर को स्मार्ट बनाने में लगी है नगर नदी के पानी का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा. स्मार्ट सिटी के नाम पर लोगों को उजाड़ा जा रहा है. उजाड़े जा रहे लोगों के लिए पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कि गई है तथा स्मार्ट सिटी के नाम पर पटना में सुंदर कॉपोरेट एरिया विकसित करने की साजिश है. जन सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए नारायण जी चौधरी ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा स्थापित मानकों तथा दूसरे पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन हो रहा है. तालाबों की इकोलॉजी तथा उसके महत्वपूर्ण महत्व को खत्म किया जा रहा है तथा पर्यावरण के लिहाज से घातक हैं. सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के नाम पर अत्यंत कठोर और विवेकहीन कार्य किया जा रहा है. सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर दादागिरी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर आरसीसी वर्क करने से तमाम तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही है. इससे आने वाले समय में पानी की विकट समस्या उतपन्न होगी जो शहर के नागरिकों के लिए अत्यंत घातक है.  जन सुनवाई में शहर के विभिन्न वर्गों के नागरिकों ने अपनी समस्याएं तथा स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर के नागरिकों पर हो रहे अत्याचार पर अपने पक्ष रखे. धर्मशीला देवी ने राजेन्द्र नगर स्लम में बसाए गए दुकानों को बुलडोजर से बिना नोटिस के उजाड़ने से हजारों नागरिकों पर पैदा हुए रोजगार तथा जीवन के संकट पर ध्यान आकृष्ट करवाया . साथ ही जन सुनवाई में नागेश आनंद, बीरेंद्र ठाकुर, ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट रेशमा प्रसाद, मदन जी, स्यामनन्दन प्रसाद, कुश कुमार, द्वारिका पासवान, शहजादे जी, महिला ऑटो चालक सुष्मिता कुमारी ने स्मार्ट सिटी परियोजना से शहर के नागरिकों को हो रही परेशानी को उल्लेखित किया.  सुष्मिता कुमारी ने कहा कि सरकार ने शहर में ऑटो स्टैंड की व्यवस्था नहीं की है तथा जो है स्मार्ट सिटी के नाम पर उसे भी खत्म किया गया है. राज्य सरकार ऑटो चालकों के साथ ज्यादती कर रही है तथा शहर की पुलिस अवैध शोषण कर रही है. पुलिसिया जुर्म के कारण शहर के ऑटो चालकों का जीना दूभर हो गया है. रेशमा प्रसाद ने स्मार्ट सिटी परियोजना में किए जा रहे प्रावधानों में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी का भी ध्यान रखने की मांग रखी.  शहजादे जी ने कहा कि स्टेशन के बगल के न्यू मार्केट को उजाड़ दिया गया है. सरकार ने अतिक्रमण को शहर के गरीबों को उजाड़ने का जरिया बना रखा है. आम जनता अपने अधिकारों के लिए वर्षों-वर्षों से सरकार से केस लड़ा रही है मगर सरकार की ज्यादतियों के खिलाफ न्याय तंत्र से भी जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है.  पटना के स्लम एरिया में रहने वाले द्वारिका पासवान ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सबसे ज्यादा जुल्म गरीबों पर ढाहा जा रहा है. इस सरकार ने केंद्र के इशारे पर बिना सूचना के शहर के गरीबों को उजाड़ने की साजिश रची है.  बिना वैकल्पिक व्यवस्था के शहर के तमाम इलाकों से गरीबों के आशियाने उजाड़े जा रहे हैं. हाई कोर्ट द्वारा आदेश के बाद भी शहरी गरीब को उजाड़ने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा रही है.

कोई टिप्पणी नहीं: