चिदंबरम को तिहाड़ भेजे जाने की संभावना बृहस्पतिवार तक टली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 3 सितंबर 2019

चिदंबरम को तिहाड़ भेजे जाने की संभावना बृहस्पतिवार तक टली

यथास्थिति बनाए रखने का न्यायालय का आदेश
chidambaram-arrest-postponed
नयी दिल्ली, तीन सितंबर, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से थोड़ी सी राहत मिलती दिखी और बृहस्पतिवार तक उन्हें तिहाड़ जेल भेजे जाने की संभावना टल गई है। दरअसल, सीबीआई को शीर्ष न्यायालय ने आदेश दिया कि वह उन्हें अपनी ही हिरासत में रखे जबकि जांच एजेंसी ने जोर दिया कि आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कांग्रेस नेता से पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में अब और रखे जाने की जरूरत नहीं है। साथ ही, शीर्ष न्यायालय ने कांग्रेस के 73 वर्षीय नेता से कहा कि वह निचली अदालत में दायर अंतरिम जमानत याचिका के लिए बृहस्पतिवार तक जोर नहीं दें। यह याचिका सोमवार को दायर की गई थी।  चिदंबरम की सीबीआई हिरासत की अवधि बृहस्पतिवार तक बढ़ाने के शीर्ष न्यायालय के आदेश के महज एक घंटे बाद उन्हें निचली अदालत में पेश किया गया।  विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ की अदालत ने उन्हें और दो दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।  बृहस्पतिवार का दिन कांग्रेस नेता चिदंबरम के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होगा, जब न्यायाधीश कुहाड़ द्वारा पांच चरणों में सुनाई गई 15 दिनों की रिमांड की अवधि खत्म हो जाएगी। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज एयरसेल-मैक्सिस मामलों में चिदंबरम एवं उनके बेटे कार्ति की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को ही विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी के भी अपना आदेश सुनाए जाने की संभावना है।  शीर्ष न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने और बाद में उन्हें हिरासत में सौंपने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती वाली याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।

चिदंबरम इस राहत के लिए अपनी याचिका पर अंतरिम जमानत पा सकते हैं या सीबीआई रिमांड की अवधि खत्म होने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है।  एक संबद्ध विषय में, शीर्ष न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया कि वह चिदंबरम की उस अलग याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले को चुनौती दी है। चिदंबरम ने इस याचिका में आईएनएक्स मीडिया धन शोधन के प्रवर्तन निदेशालय के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती दे रखी है। कांग्रेस नेता को 21 अगस्त की रात गिरफ्तार कर लिया गया था और अगले ही दिन निचली अदालत में पेश किया गया था।  आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम यही उचित समझते हैं कि याचिकाकर्ता का सीबीआई हिरासत की मौजूदा स्थिति बृहस्पतिवार पांच सितंबर, 2019 तक जारी रहेगी।’’  सीबीआई की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि आरोपी यह नहीं कह सकता कि न्यायिक हिरासत में जेल नहीं जाना चाहता। उन्होंने कहा, ‘‘हमें (सीबीआई) उनकी अब और हिरासत की जरूरत नहीं है।’’  चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वे निचली अदालत में अंतरिम जमानत की अर्जी पर जोर नहीं देंगे परंतु कांग्रेस नेता की सीबीआई हिरासत की अवधि पांच सितंबर तक बढ़ा दी जानी चाहिए। पीठ ने इस मामले को सुनवाई के लिये बृहस्पतिवार के लिये सूचीबद्ध करते हुये कहा, ‘‘हम इस बात के प्रति सचेत हैं कि हमें संबंधित निचली अदालत के अधिकार क्षेत्र को हड़पना नहीं चाहिए।’’  गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को ही चिदंबरम को यह कहते हुये आंशिक राहत दे दी थी कि उन्हें तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। इससे पहले, पूर्व वित्त मंत्री ने जेल भेजे जाने की बजाय उन्हें घर में ही नजरबंद रखने का प्रस्ताव दिया था। जांच ब्यूरो ने वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं के लिये 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी।

कोई टिप्पणी नहीं: