दिल्ली में नल का पानी पीने लायक नहीं : रामविलास पासवान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 25 सितंबर 2019

दिल्ली में नल का पानी पीने लायक नहीं : रामविलास पासवान

delhi-drinking-water-not-good-ram-vilas-paswan
नयी दिल्ली, 24 सितंबर, उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में ‘नल का पानी पीने लायक नहीं’ है। केंद्रीय मंत्री ने गुणवत्ता मानक मुद्दे पर बीआईएस और अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यहां 1977 से हूं। नल के पानी की गुणवत्ता खराब हो गई है। किसी से भी पूछ लीजिए, वे कहेंगे कि दिल्ली में नल का पानी घटिया है। यह पीने लायक नहीं है। ’’  हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि कोई कमी पाई गई है तो उसे दुरूस्त करने का कदम उठाया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली जल बोर्ड जलापूर्ति करता है। पासवान ने कहा कि यूरोप और अन्य विकसित देशों में यह साफ-साफ लिखा हुआ है कि नल का पानी पीने के लिए सुरक्षित है, या नहीं। भारत में ऐसा कोई प्रमाणन नहीं है। उल्लेखनीय है कि उत्पादों एवं सेवाओं के लिए गुणवत्ता मानदंड बनाने वाले भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने नल के पानी के लिए भी गुणवत्ता मानदंड बना रखा है। लेकिन इसे अब तक अनिवार्य नहीं किया गया है। इसलिए, उसके पास इस बारे में भी कोई आंकड़ा नहीं है कि अन्य राज्य मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या अन्य राज्य नल के पानी के मानकों का अनुपालन कर रहे हैं, तो इसपर बीआईएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ये मानक स्वैच्छिक प्रकृति के हैं। इसलिए कोई राज्य आगे नहीं आया और प्रमाणन नहीं लिया। हम नहीं जानते कि कि कुछ राज्य इसे लागू कर रहे हैं, या नहीं। हो सकता है कि कुछ राज्य इसे कर रहे हों।’’  उन्होंने बताया कि इस विषय पर विस्तृत चर्चा करने के लिए अगले हफ्ते एक बैठक बुलाई गई है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय, दिल्ली सरकार, जल बोर्ड और बीआईएस के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित होंगे। 

कोई टिप्पणी नहीं: