इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 28 सितंबर 2019

इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना

extra-rain-this-year
नयी दिल्ली, 27 दिसंबर, मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल मानसून के मौसम में 'सामान्य से अधिक" बारिश की सभावना है। हालांकि इस साल अब तक सामान्य से सात फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। आधिकारिक रूप से मानसून का मौसम 30 सितंबर को समाप्त होगा।  अधिकारियों ने बताया कि चार महीने की वर्षा ऋतु की आधिकारिक रूप से शुरुआत एक जून को होती है और यह 30 सितंबर को समाप्त होती है। एक सितंबर से मानसून पश्चिमी राजस्थान से पीछे हटने लगता है लेकिन इस बार ऐसा कोई संकेत नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक मौसम विभाग के 36 उपमंडलों में से 11 में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘शुक्रवार तक देश में सात फीसदी अधिक बारिश हुई है और अगले दो दिनों में इसमें दो फीसदी और वृद्धि होने की उम्मीद है क्योंकि कुछ इलाकों में अच्छी बारिश की संभावना है।’’  लंबी अवधि औसत (लांग पीरियड एवरेज-एलपीए)में 96 से 104 फीसदी बारिश को सामान्य की श्रेणी में रखा जाता है जबकि 104 से 110 फीसदी बारिश को सामान्य से अधिक की श्रेणी में रखा जाता है। लंबी अवधि औसत वर्ष 1951 से 2000 के बीच हुई बारिश का औसत है, जो 89 सेंटीमीटर है। मध्य भारत मंडल जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा आते हैं वहां 26 फीसदी अधिक बारिश हुई है। दक्षिणी प्रायद्वीप मंडल जिसमें पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल आते हैं में 17 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। पूर्वी और पश्चिमोत्तर मंडल में सामान्य से क्रमश: 16 और छह फीसदी अधिक बारिश हुई है।  पूर्वोत्तर राज्य, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड पूर्वी मंडल में आते हैं जबकि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पश्चिमोत्तर मंडल के हिस्से हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: