रांची (आर्यावर्त संवाददाता) : सीबीआइ ने व्याख्याता नियुक्ति घोटाले की जांच पूरी करने के बाद राज्य सरकार से झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद समेत तत्कालीन पांच अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है. सीबीआइ द्वारा भेजे गये दस्तावेज की जांच-पड़ताल के बाद फाॅरेंसिक लैब ने 59 आवेदकों के नंबर बढ़ा कर सफल घोषित किये जाने की पुष्टि की है. इसमें कुछ बड़े अधिकारियों के करीबी रिश्तेदार बताये जाते हैं. फाॅरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआइ द्वारा सभी 59 व्याख्याताओं के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किये जाने की संभावना है. व्याख्याता नियुक्ति में 13 विषयों में व्याख्याता के पद पर मनपसंद आवेदकों को नियुक्त कराने के लिए गड़बड़ी करने की पुष्टि हुई है. इन विषयों में अंग्रेजी, इतिहास, मनोविज्ञान, जंतु विज्ञान, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, हिंदी, रसायन शास्त्र, भौतिकी, संस्कृत, मानव शास्त्र, दर्शन शस्त्र और उर्दू शामिल हैं. उर्दू व संस्कृत के व्याख्याताओं की नियुक्ति में सबसे ज्यादा गड़बड़ी की पुष्टि हुई है.
शनिवार, 14 सितंबर 2019
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रांची : फॉरेसिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि: जेपीएससी पूर्व अध्यक्ष सहित पांच पर सीबीआइ का शिकंजा
रांची : फॉरेसिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि: जेपीएससी पूर्व अध्यक्ष सहित पांच पर सीबीआइ का शिकंजा
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