भाकपा-माले का पटना महानगर एकदिवसीय कार्यशाल संपन्नफासीवादी हमले के खिलाफ एकजुट रहने व प्रतिरोध तेज करने का लिया गया संकल्प.
पटना 14 सितंबर 2019 आज पटना के कंकड़बाग मुहल्ले के झा कम्युनिटी हाॅल में पटना महानगर द्वारा आयोजित पार्टी के एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि मोदी-2 शासन के पहले 100 दिन काले कानूनों को जनता पर जबरन थोपने और संविधान व लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने के लिए याद किए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कह रहे हैं कि यह तो अभी ट्रेलर है, पूरी फिल्म बाकि है. जाहिर बात है कि भाजपा व आरएसएस इस देश में राष्ट्रीय आंदोलन के गर्भ से निकले संविधान व लोकतंत्र को खत्म कर मनुस्मृति वाला संविधान थोपना चाहते हैं. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विगत 100 दिनों में एक तरफ बैंक, रेलवे, हवाई अड्डों का तेजी से निजीकरण किया गया तो दूसरी ओर यूएपीए व एनआईए जैसे कानूनों को और सख्त बना दिया गया. अब किसी व्यक्ति को भी आतंकवादी कहकर जेल में डाला जा सकता है. एनआरसी के कारण 19 लाख से ज्यादा लोग आज राष्ट्रविहीन होने के कगार पर खड़े हो गए हैं. हद तो यह है कि भाजपा के नेता बिहार में भी एनआरसी लागू करने की हास्यास्पद बात कर रहे हैं. कश्मीर से धारा 370 हटाकर कश्मीरियों के मन में संदेह को और भी गहरा कर दिया गया है. वहां विगत एक महीने से लगातार मानवाधिकारों का हनन हो रहा है और आज पूरा कश्मीर एक जेल में बदल गया है. देश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है. लेकिन आम लोगों को राहत व सब्सिडी प्रदान करने की बजाए सरकार काॅरपोरेटों को मदद पहंुचा रही है. नए ट्रैफिक नियम ने आतंक मचा रखा है और इसके जरिए सरकार जनता की गाढ़ी कमाई लूट रही है. उन्होंने कहा कि भाकपा-माले जैसी क्रांतिकारी पार्टी भाजपा-आरएसएस के इस फासीवादी हमले के खिलाफ प्रतिरोध की आवाज को बुलंद करने के लिए संकल्पबद्ध है. हम भाजपाइयों के नापाक मंसूबे को कभी कामयाब नहीं होने देंगे. और आने वाले दिनों देश की जनता ऐसी सरकार को जरूर सबक सिखाएगी. कार्यशाला में पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. अमर व केंद्रीय कमिटी के सदस्य तथा पटना नगर के सचिव अभ्युदय ने भी वर्तमान परिस्थितियों पर अपने विचारों को रखा और फासीवादी हमले के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करने के संकल्प को दुहराया. इसके पूर्व पटना नगर कमिटी के सदस्य रामबलि प्रसाद, अनिता सिन्हा और नसीम अंसारी के नेतृत्व में कार्यशाला दिन के 12 बजे आरंभ हुए. पटना नगर के विभिन्न इलाकों से कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों ने ज्वलंत राजनीतिक सवालों पर अपने विचारों को रखा. कार्यशाला में इन नेताओं के अलावा जनसंगठनों के मोर्चे पर काम करने वाले नेता-कार्यकर्ता भी शामिल थे.
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