राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की आईसलैंड की यात्रा के लिए उनके विमान को अपने हवाईक्षेत्र से गुजरने देने संबंधी भारत के अनुरोध को शनिवार को अस्वीकार कर दिया। राष्ट्रपति कोविंद की सोमवार से आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की यात्रा शुरू होगी। इस दौरान वह भारत की ‘‘राष्ट्रीय चिंताओं’’ खासतौर पर इस साल पुलवामा में हुए हमले सहित आतंकवादी घटनाओं से इन देशों के शीर्ष नेतृत्व को अवगत करा सकते हैं। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सरकारी चैनल पीटीवी को बताया कि कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह निर्णय लिया है। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने राष्ट्रपति की आईसलैंड की उड़ान के लिए अपने हवाई क्षेत्र का प्रयोग नहीं करने देने के पाकिस्तान के फैसले पर अफसोस जताया। कुमार ने कहा, “हमें वीवीआईपी विशेष विमान को अपने हवाईक्षेत्र से न गुजरने देने के पाकिस्तान सरकार के फैसले पर अफसोस है क्योंकि सामान्यत: किसी भी देश द्वारा ऐसी मंजूरी प्रदान कर दी जाती है। हम पाकिस्तान से ऐसे एकतरफा कदमों की निरर्थकता का अहसास करने की अपील करते हैं। भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से इमरान सरकार भारत पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विपक्ष और कुछ मंत्रियों के दबाव में है। अभी तक पाकिस्तान ने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने पर फैसला नहीं किया है लेकिन राष्ट्रपति कोविंद के विमान को मंजूरी न देकर उसने अपनी मंशा जाहिर की है। कुरैशी ने कहा कि नई दिल्ली का कश्मीर पर रुख गंभीर मामला है और वह इसे संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार परिषद में ले जाएंगे। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की तरफ से बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविरों पर हवाई हमले के बाद पाकिस्तान ने फरवरी में अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया था। हालांकि 27 मार्च को उसने नयी दिल्ली, बैंकॉक और कुआलालंपुर जाने वाली उड़ानों को छोड़ बाकी के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया था। पाकिस्तान ने 15 मई को भारत जाने वाले विमानों के लिए प्रतिबंध को 30 मई तक बढ़ा दिया था। पाकिस्तान ने 16 जुलाई को अपने हवाई क्षेत्र को सभी नागरिक उड़ानों के लिए खोला। पांच अगस्त को भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के फैसले के बाद से पाकिस्तान पहले ही भारत के साथ अपने व्यापार को स्थगित कर चुका है और रेल एवं बस सेवाएं रोक चुका है। संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को भारत की ओर से रद्द किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के फैसले के बाद से भारत-पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट कर दिया है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किया जाना एक आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को सचाई स्वीकार करने की सलाह दी है।
रविवार, 8 सितंबर 2019
पाकिस्तान ने राष्ट्रपति के विमान को गुजरने की अनुमति देने से किया इनकार
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