जमशेदपुर : प्रकृति के पास हमारी जरूरतों को पूरा करने का साधन : सरयू राय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 14 सितंबर 2019

जमशेदपुर : प्रकृति के पास हमारी जरूरतों को पूरा करने का साधन : सरयू राय

  • जमशेदपुर में जल शक्ति अभियान सेमिनार

जल शक्ति अभियान के अंतर्गत माइकल जॉन सभागार, बिष्टुपुर में आज दो दिवसीय जिला* *स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय मंत्री,* *खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले श्री सरयू राय उपस्थित हुए। साथ ही कार्यशाला में* *माननीय सांसद जमशेदपुर श्री विधुत वरण महतो, पोटका विधायक श्रीमति मेनका सरदार,* *उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला उपस्थित थे।*

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गौरतलब है कि पूरे जिले में 01 जुलाई से 15 सितंबर 2019 तक जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। वर्षा जल संचयन एवं संरक्षण के उद्देश्य से वृक्षारोपण, मेड़बंदी, टीसीबी निर्माण एवं चापाकल तथा कुआं के आसपास सोख्ता गड्ढा का निर्माण वृहद पैमाने पर कराया गया है जिससे भविष्य में जल संकट की स्थिति से निपटा जा सके।  यह कार्यशाला काफी मायनों में उपयोगी है, माननीय प्रधानमंत्री ने वक्त की जरूरतों को समझते हुए वर्षा जल संचयन को एक अभियान देने का कार्य किया है। वर्षा जल संचयन के लिए पूर्व में जो कार्य हुए हैं उसका अध्ययन कर एवं अमल में लाकर इस अभियान को और सार्थक किया जा सकता है। विकास के लिए हमने प्रकृति का दोहन किया जिसका मूल्य हमें चुकाना पड़ा, तभी आज वर्षा जल संचयन के लिए अभियान चलाना पड़ रहा है। हवा, पानी हमें प्रकृति द्वारा विरासत में मिला है लेकिन हमलोगों ने प्रकृति के साथ जीने का अभ्यास खत्म करने का काम किया है। जब जल, जंगल जमीन स्वस्थ रहेंगे तभी हमारा विकास स्वस्थ होगा। सरकार जो प्रयोग अपने योजनाओं से करती है उसका उपयोग जनसाधारण को करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जो कार्य इस दिशा में हो रहे हैं उससे सरकार को अवगत करायें तभी अक्षय विकास संभव है। प्रकृति के पास आपकी जरूरतों को पूरा करने का साधन है, सिर्फ उसे अच्छे से उपयोग मात्र भर करना है।   

जलवायु संतुलन के लिए पेड़-पौधा बहुत जरूरी- विधुत वरण महतो, सांसद, जमशेदपुर
माननीय प्रधानमंत्री की अगुवाई में जल संचयन की दिशा में जल शक्ति मंत्रालय अच्छा कार्य कर रही है। लोग आज वर्षा जल संचयन के प्रति जागरूक हो रहे हैं ताकि भविष्य में जल संकट की स्थिति उत्पन्न ना हो। दो दशक पहले सारंडा के जंगल में सूर्य की किरणें जमीन पर नहीं पड़तीं थीं। लेकिन पेड़ों की अवैध कटाई से जंगल कम हो गए जिसका असर हमारे जलवायु संतुलन पर साफ देखा जा सकता है। राजस्थान में आज बाढ़ आ रहे हैं वहीं झारखंड में सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हम चाहेंगे कि सरकार द्वारा कमिटि बनाकर जंगलों का देखरेख किया जाए। परती जमीन में बड़ा-बड़ा तालाब खोदा जाए। जल संचयन के प्रति हम सभी को उदार एवं संवेदनशील होना होगा तभी हमारी आने वाली पीढ़ी को जल संकट की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

जल शक्ति अभियान से जल स्तर बढ़ा है- मेनका सरदार, विधायक, पोटका
माननीय मुख्यमंत्री का जल संचयन को लेकर जो संकल्प था उसे जल शक्ति अभियान के तहत पूरे राज्य में सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है। जल शक्ति अभियान से भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने में काफी सहायता मिली है। सभी जल सहिया से आग्रह है कि इस अभिय़ान को और व्यापक पैमाने पर चलाएं। जिला प्रशासन द्वारा पूरे जिले में व्यापक तौर पर वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। नदियों के किनारे वृक्षारोपण से जहां बाढ़ की विभिषिका से बचा जा सकता है वहीं ये पेड़ वर्षा के भी कारक हो सकते हैं।   

जल संचयन हमारे अस्तित्व से जुड़ा विषय- रविशंकर शुक्ला, उपायुक्त
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विगत 2-3 महीनों में वर्षा जल संचयन को लेकर किए जा रहे कार्यों को एक दूसरे से साझा करना है ताकि हम जल संचयन एवं संरक्षण की दिशा में और सार्थक पहल कर सकें। कार्यशाला के माध्यस से आए विचारों के साथ एक रूपरेखा बनाते हुए कार्य करना है जिससे आने वाले दिनों में जल शक्ति अभियान को जनआंदोलन का रूप दिया जा सके। कार्यशाला में आए विचारों पर आने वाले समय में हम कैसे क्रियान्वयन करेंगे ये काफी महत्वपूर्ण होगा। वर्षा जल संचयन एवं संरक्षण हेतु पूरे जिले में व्यापक तौर पर वृक्षारोपण, मेड़बंदी, टीसीबी निर्माण एवं सोख्ता गड्ढा का निर्माण कार्य कराया गया है जिसका सुखद परिणाम आने वाले दिनों में परिलक्षित होंगे। उम्मीद है हमारे आज के प्रयास से हमारी आने वाली पीढ़ी को भविष्य में जल संकट की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष बुलू रानी सिंह ने भी अपने विचार रखे। उन्होने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा वर्षा जल संचयन हेतु वृक्षारोपण, मेड़बंदी, टीसीबी निर्माण आदि के कार्य जो कराये जा रहे हैं वो काफी सराहनीय है। आज के सजग प्रयास से ही हम आने वाली पीढ़ी को वो सब विरासत में देकर जाएंगे जो हमें प्रकृति से विरासत में मिला था। जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि वर्षा जल संचयन आज की जरूरत है। जनप्रतिनिधि होने के नाते हमारी कोशिश होगी कि वर्षा जल संचयन हेतु लोगों को जागरूक कर जल शक्ति अभियान को जनआंदोलन का रूप दे सकें। भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने की दिशा में जल शक्ति अभियान एक सफल प्रयोग साबित हो रहा है। खेत का पानी खेत में, घर का पानी घर में के नारे को जन-जन तक पहुंचाना होगा। इस अवसर पर जमशेदपुर प्रखंड के ब्यांगबिल पंचायत के मुखिया नीरज सिंह एवं पंचायत समिति सदस्य को माह अगस्त के लिए समग्र रूप से अच्छा कार्य करने हेतु जिला प्रशासन की तरफ से 25 हजार का चेक एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही जल शक्ति अभियान के तहत बेहतर कार्य करने वाले विभिन्न कृषि स्थायी समिति के सदस्यों को भी प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।  कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के पश्चात तकनीकि सत्र में विशेषज्ञों ने वर्षा जल संचयन पर किए जा रहे कार्यों से लोगों को अवगत कराया। टैगोर सोसायटी के प्रतिनिधि तथा अन्य कई विशेषज्ञों ने भी वर्षा जल संचयन एवं संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला एवं लोगों को जल संचयन हेतु प्रोत्साहित किया।  कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष बुलू रानी सिंह, जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, 20* *सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के जिला उपाध्यक्ष दिनेश साव, उप-विकास आयुक्त बी.महेश्वरी,* *अपर उपायुक्त सौरभ कुमार सिन्हा, जिला योजना पदाधिकारी अजय कुमार, जिला पंचायत राज* *पदाधिकारी डॉ. रजनीकांत मिश्रा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, पेयजल एवं स्वच्छता* *विभाग के कार्यपालक अभियंता शिशिर सोरेन तथा अन्य उपस्थित थे

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